यूपी: चिकित्सा शिक्षा मंत्री का करीबी बताकर MBBS कराने के नाम पर ठगे 10 लाख रुपये, अब मिल रही जान से मारने की धमकी
जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एमबीबीएस कराने के नाम पर दस लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्र ने यह आरोप उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के करीबी पर लगाया है। दस लाख रुपये देने के बावजूद जब छात्र को दाखिला नहीं मिला तो उसने अपने पैसे वापस मांगे। इस पर आरोपी पैसे वापस न करने की बात बोलकर गंदी-गंदी गालियां देने लगा।
खबरों के मुताबिक इसके बाद पीड़ित छात्र ने पुलिस में शिकायत दी तो आरोपी उसे जान से मारने की धमकियां देने लगा। पीड़ित छात्र ने न्याय के लिए नीचे से लेकर ऊपर तक हर अधिकारी के दरवाजे खटखटाए लेकिन उसे हर जगह से केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
मथुरा के थाना बलदेव निवासी वंशी के साथ नीट (NEET) की काउंसलिंग में सीट दिलाने के नाम पर 10 लाख रुपये की ठगी का यह मामला हुआ है। वंशी ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत थाने से लेकर एसएसपी कार्यालय तक की, लेकिन कोई कार्रवाई आज तक आरोपियों पर नहीं हुई। शनिवार को पीड़ित छात्र वंशी एसपी ग्रामीण कार्यालय पहुंचा और एसपी साहब से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। वंशी को यहां से भी सिर्फ आश्वासन ही मिला।
ठगी का शिकार हुए वंशी ने बताया कि थाना महावन क्षेत्र के गांव करब के रहने बाले सुजान सिंह और खजान सिंह ने अपने आपको चिकित्सा शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का करीबी बताते हुए नीट की काउंसलिंग में एमबीबीएस की सीट दिलाने के नाम पर 12 मई 2018 को 10 लाख रुपये ले लिए।
पीड़ित ने बताया कि जब उसे यह पता चला कि सुजान सिंह और खजान सिंह चिकित्सा शिक्षा मंत्री के कोई करीबी नहीं हैं तो रकम को वापस मांगा। इस पर आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित का आरोप है कि आरोपी पैसे नहीं दे रहे हैं और जब उनसे पैसे मांगने जाते हैं तो वह मारपीट कर हमें भगा देते हैं। पीड़ित छात्र ने थाने से लेकर जिले के कप्तान तक के दरवाजे खटखटाए, लेकिन पीड़ित को कहीं से भी न्याय मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। पीड़ित ने कहा कि जहां भी जाता हूं, वहां से उसे आश्वासन मिलता है। पुलिस तीन साल में कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है।
गांव कारब के रहने वाले सुजान सिंह और खजान सिंह दोनों ही सरकारी शिक्षक हैं। वंशी का कहना है कि अलीगढ़ में 14 अगस्त 2020 को जब सुजान सिंह को अलीगढ़ पुलिस ने पकड़ लिया था। तब मथुरा का एक दिलीप राघव नाम का युवक माध्यम बनकर आया और 15 दिन में पैसे वापस करने की जिम्मेदारी ली। 3 साल बीतने के बाद भी पैसे वापस आज तक नहीं मिल पाए हैं। पीड़ित को जहां से भी छोटी सी उम्मीद दिखाई देती है। वह उस उम्मीद के सहारे पुलिस से पैसे वापस कराने की अपील करता है। पीड़ित छात्र ने कहा के रसूख के चलते पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।