UP News : अफसरों ने नहीं ली सुध तो भाजपा सरकार के खिलाफ गांव-गांव की यात्रा पर निकला किसान संगठन
(योगी सरकार के खिलाफ 22 दिनों की झांसी जिले भर की यात्रा करेगी किसान रक्षा पार्टी)
लक्ष्मी नारायण शर्मा की रिपोर्ट
झांसी। पिछले दो महीनों से झांसी के गांधी उद्यान (Gandhi Park) पर धरना दे रहे किसानों (Farmars) की समस्याओं पर जब प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो किसान संगठन ने पूरे बुन्देलखण्ड में गांव-गांव जाकर लोगों से भाजपा को वोट न देने की अपील शुरू की है। बांध विस्थापितों को मुआवजा, नहरों की सिल्ट सफाई में घोटाला, पौधारोपण में घोटाला, कृषि विभाग की योजनाओं में घोटाला (Scam) सहित कई मुद्दों पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान रक्षा पार्टी के नेता और कई गांवों के किसान दो महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। जब किसी अफसर ने इनकी सुध नहीं ली तो इन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ गांव-गांव जाकर तीस सितंबर से प्रचार की शुरु कर दिया। 22 दिनों की झांसी जिले भर की यात्रा के बाद एक महापंचायत का आयोजन किया जायेगा।
'किसान रक्षा पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ (Gauri Shankar Vidua) कहते हैं कि 30 सितंबर से 21 अक्टूबर तक 22 दिनों की 'किसान बचाओ यात्रा' झांसी (Jhansi) जनपद के सभी ग्राम पंचायतों तक जाएगी। किसानों को बताया जाएगा कि पिछले दो महीने से जिन समस्याओं को लेकर अनिश्चितकालीन धरना और आंदोलन किया गया, उनमें से किसी भी मांग पर प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। ग्राम पंचायत स्तर पर सभा कर किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर उन्हें भी आन्दोलन में शामिल किया जाएगा। लोगों को किसानों की समस्याओं पर प्रशासन की बेरुखी से अवगत कराएंगे।
गौरी शंकर आगे कहते हैं कि हमने ऐसा प्रशासन कभी नहीं देखा। इस सरकार का अंजाम भी बसपा और सपा सरकार की तरह ही होगा। यह सरकार किसानों, मजदूरों और गरीबों की नहीं बल्कि अफसरों की है और अफसर किसी की सुनते नहीं हैं। हम ऐसी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
22 दिनों की 'किसान बचाओ यात्रा' (Kisan Bachao Yatra) की 30 सितंबर को झांसी के गांधी उद्यान (Gandhi Park) से शुरु हुई है। झांसी जनपद के सभी ग्राम पंचायतों तक पहुंचने के बाद यह यात्रा वापस 21 अक्टूबर को गांधी उद्यान स्थित धरना स्थल पर पहुंचेगी। इसके बाद 25 अक्टूबर को झांसी शहर के मुक्ताकाशी मंच पर महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में राष्ट्रीय स्तर के किसान नेताओं की मौजूदगी होगी और यहां से किसी राजनीतिक घोषणा का भी ऐलान किये जाने की तैयारी है।
दूसरे चरण में किसानों की यह यात्रा झांसी के बाहर पहुंचेगी और पूरे बुन्देलखण्ड (Bundelkhand) क्षेत्र का भ्रमण करेगी। अपने आंदोलन और मुद्दों के साथ बुन्देलखण्ड के अलग-अलग क्षेत्रों के मुद्दों को जोड़ते हुए आंदोलन को व्यापक स्वरूप देकर जन समर्थन बढ़ाने की भी कोशिश की जाएगी।
झांसी के गांधी उद्यान पर पिछले दो महीने से चल रहे आन्दोलन के दौरान किसान विभिन्न मांगों से प्रशासन को अवगत करा चुके हैं लेकिन किसानों का कहना है कि उनकी किसी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। किसानों (Farmers) ने आरटीआई (RTI) से मिले दस्तावेज के आधार पर शिकायत की है कि वृक्षारोपण (Tree Plantation) में घोटाला हुआ है और मोपेड व स्कूटर के नम्बर पर ट्रैक्टर को दिखाकर भुगतान किया गया।
सिंचाई विभाग में नहरों की सिल्ट सफाई का काम कराये बिना भुगतान कराये जाने का आरोप लगाया गया है। किसानों के लिए होने वाली कृषि गोष्ठी में किसानों को डोसा खिलाने के नाम पर लाखों रुपये की धांधली की शिकायत की गई है। इसके साथ ही जनपद के कई बांधों में विस्थापितों को मुआवजा देने में भेदभाव और धांधली देने का आरोप लगाते हुए प्रशासनिक अफसरों से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई। जब दो महीने के आंदोलन के दौरान कहीं से कोई कार्रवाई का आश्वासन या संकेत नहीं मिला तो किसान अब गांव-गांव जाकर सरकार और अफसरों की पोल खोलने के काम में जुट गए हैं।