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UP : बाढ़ में खेत डूबने के सदमे में किसान ने दी जान, बेटी की शादी के लिए बटाई पर जमीन लेकर उगाई थी फसल

Janjwar Desk
8 Aug 2021 1:12 PM IST
UP : बाढ़ में खेत डूबने के सदमे में किसान ने दी जान, बेटी की शादी के लिए बटाई पर जमीन लेकर उगाई थी फसल
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बाढ़ में फसल डूबने से आहत किसान ने दी जान (photo - mohit kashyap)

किसान ने तीन बीघा खेत बलकट पर लेकर परवल की फसल तैयार की थी। यमुना नदी में आई बाढ़ से पूरी फसल पानी में डूब गई। इससे वह सदमे में था। शनिवार 7 अगस्त को गांव के बाहर खलिहान में लगे पेड़ से उसका शव लटकता हुआ पाया गया...

जनज्वार, कानपुर देहात। यूपी के कानपुर देहात (Kanpur Dehat) स्थित राजपुर के पिचौरा गांव में एक किसान की 3 बीघा फसल यमुना में आई बाढ़ से डूब गई। फसल डूबने से दुखी किसान ने शनिवार को खलिहान में लगे पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों ने बताया कि फसल खराब होने से किसान सदमे में था।

राजपुर (Rajpur) थाना क्षेत्र के पिचौरा गांव निवासी 45 वर्षीय रामआसरे उर्फ राकेश बलकट (ठेके) पर खेत लेकर खेती-किसानी करता था। वर्तमान में उसने तीन बीघा खेत बलकट पर लेकर परवल की फसल तैयार की थी। यमुना नदी में आई बाढ़ से पूरी फसल पानी में डूब गई। इससे वह सदमे में था। शनिवार 7 अगस्त को गांव के बाहर खलिहान में लगे पेड़ से उसका शव लटकता हुआ पाया गया।

खेत पर पहुँचे अन्य किसानों ने मामले की जानकारी परिजनों को दी। सूचना के बाद एसआई नसीम खां पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को नीचे उतारवाया। पत्नी सुनीता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बाढ़ से फसल डूबने से पति सदमे में चल रहे थे। इसी बात से दुखी होकर उन्होंने फांसी लगा ली।

राकेश की मौत से पत्नी सुनीता, बेटी खुशबू, मिलन, बेटा सत्यभान उर्फ गोलू, हिमांशु का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम रमेश चंद्र यादव ने बताया कि लेखपाल विनोद यादव से जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है

बेटी के हाथ भी पीले करने थे

राकेश की मौत के बाद पत्नी सुनीता बदहवास हो गई। उस पर अब बड़ी बेटी की शादी व बच्चों के पालन पोषण का जिम्मा आ गया है। घर पर पहुंचे ग्रामीण चर्चा करते रहे कि बाढ़ से फसल बर्बाद हो गई। जिसके सदमे में राकेश ने आत्महत्या कर ली। अब बेटी के हाथ कैसे पीले होंगे और बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा।

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