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राष्ट्रीय

UP : रामपुर के जिला अस्पताल का यह डॉक्टर खुद बीमार लगता है, जो स्टाफ से लेकर मरीजों तक गालियों से नवाजता है

Janjwar Desk
13 July 2021 11:56 AM GMT
UP : रामपुर के जिला अस्पताल का यह डॉक्टर खुद बीमार लगता है, जो  स्टाफ से लेकर मरीजों तक गालियों से नवाजता है
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रामपुर का जिला चिकित्सालय जहां महिला और पुरूष का इलाज एक ही जगह होता है.साथ में डॉक्टर भरत सिंह.

पीड़िता का कहना है कि अस्पताल से उन्हें और उनके पति को चमार, भंगी, नीच जात और भी ना जाने क्या-क्या कहकर भगा दिया गया। साथ ही यह भी कहा जाओ जिस मर्जी से जाकर शिकायत कर दो, हमारा कुछ नहीं होने वाला...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कागजों, भाषणों और वादों में सब चंगा सी। बावजूद इसके जमीनी हकीकत अपना रोना कुछ अलग ही रो रही है। यूपी (UP) में आम जनता के लिए तमाम मूलभूत सरकारी व्यवस्थाएं-सुविधाएं महज सत्ता-सिस्टम, ठसक और हनक के दम पर दी व ली जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों की हालत ठीक उसी जुमले की तरह है जिसमें कहा जाता है कि 'धरती से परलोक जाने के बीच जो टोल प्लाजा पड़ता है उसे अस्पताल कहते हैं।'

योगीराज में रामपुर (Rampur) का जिला महिला चिकित्सालय आम-गरीब के लिए सचमुच का जीता-जागता नर्क बना हुआ है। इस जिला अस्पताल में डॉक्टर भरत सिंह जो कि रेडियोलॉजिस्ट हैं, तानाशाह की तरह मरीजों से पेश आते हैं। आरोप है कि भरत सिंह उस किसी भी मरीज से जो गरीब है, खासकर दलित या मुस्लिम है, सीधे मुँह बात तक नहीं करते।

जुलाई 5 सोमवार को इस महिला जिला अस्पताल में संजू पत्नी सुशील जो संजय नगर बाल्मिकी बस्ती की रहने वाली है, इलाज के लिए पति के साथ गईं थीं। संजू पेट की दिक्कत के चलते अपना अल्ट्रासाउंड कराने पहुँचीं थीं। आरोप है कि अल्ट्रासाउंड वाले डॉक्टर ने संजू के साथ अभद्र व्यवहार किया। उनसे 200 रूपये मांगे गये। नहीं देने पर धक्के मारकर अस्पताल से बाहर कर दिया गया।

शिकायती रजिस्टर में दर्ज दलित महिला संजू की शिकायत

पीड़िता ने जनज्वार से बात करते हुए बताया कि 'उनके पेट में दर्द हो रहा था, वह गिड़गिड़ा रहीं थी। लेकिन डॉक्टर को उनकी हालत पर जरा भी रहम नहीं आया। अस्पताल से उन्हें और उनके पति को चमार, भंगी, नीच जात और भी ना जाने क्या-क्या कहकर भगा दिया गया। साथ ही यह भी कहा जाओ जिस मर्जी से जाकर शिकायत कर दो, हमारा कुछ नहीं होने वाला।'

डॉक्टर भरत सिंह पर दूसरा आरोप है कि 12 जुलाई सोमवार को इसी अस्पताल (Hospital) में उमा दुबे पत्नी दीपक दुबे निवासी शिवापुरम कालोनी रामपुर, अल्ट्रासाउंड कराने आईं थीं। उमा का आरोप है कि उनसे 100 रूपये मांगे गये। पीड़िता उमा के पति ने बताया कि 'बहुत देर इंतजार के बाद भी अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया। डॉक्टर भरत सिंह ने उन्हें डांट-डपटकर अस्पताल से बाहर भगा दिया।'

रजिस्टर में दर्ज उमा दुबे की शिकायत

रेडियोलॉजिस्ट भरत सिंह (Bharat Singh) पर पहले और अब आरोपों की बौछार होती रही है, लेकिन कभी कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह उसकी पैठ बताई जाती है। भरत सिंह की पत्नी भी नियम विरूद्ध भरत सिंह के साथ बैठकर डॉक्टरी करती है। बताया जाता है कि यहां तैनात एक सीएमएस ने भरत की पत्नी को लेकर डीएम से शिकायत कर आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद डीएम ने भरत की पत्नी को यहां से हटवाया था। कहा जाता है कि उनकी पत्नी की पोस्टिंग किसी और जिले में है लेकिन वह यहीं अपने पति के साथ बैठकर डॉक्टरी चलाती हैं।

इस मामले को लेकर जब हमने डॉक्टर भरत सिंह का पक्ष जानने का प्रयास किया तो उन्होने इस विषय से हटकर अलग ही गणित बताई। भरत सिंह ने बताया कि 'उनका एक कोई अर्दली, चपरासी है विकास नाम का, उसकी बीबी भाग गई है 6 महीने पहले। अब वह किसी लड़की को फांसने के चक्कर में पड़ा है। अल्ट्रसाउंड कराने लाता है। हमारी सीएमएस ने साफ चेतावनी दे रखी है कि जब तक वह पर्ती लिखकर ना दें अल्ट्रासाउंड नहीं होगा।'

भरत सिंह ने आगे बताया कि 'वह कई मरीजों को भगा देते हैं। हमने एक वीडियो वायरल होने की बात बताई तो भरत सिंह कहते हैं कि आप मेरे इसी नंबर पर वह वीडियो भेज दें, मैं उसे कमिश्नर को भेज दूंगा। अपने कमिश्नर आंजनेय कुमार पहले यहीं थे रामपुर में अब मुरादाबाद चले गये हैं, मैं कह दूंगा काम हो जाएगा। हमने कहा कौन सा काम, जिसपर भरत सिंह ने बताया कि वह जांच करायेंगे, कमिश्नर से।'

रामपुर के चीफ मेडिकल ऑफीसर (CMO) संजीव यादव ने जनज्वार को बताया कि 'जिला अस्पताल में जो कुछ भी होता है उसके जिम्मेदार सीएमएस होते हैं। वह मेडिकल सुप्रिटेंड हैं, आप उनसे बात कर लीजिए। हालांकि अगर ऐसा है तो विषय गंभीर है। लेकिन यह भी सही है कि यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।'

सीएमओ से बात करने के बाद हमने जिला अस्पताल की सीएमएस (CMS) डॉ. शशि गुप्ता से बात की। सीएमएस शशि गुप्ता ने बताया कि 'इस संबंध में उनके पास शिकायत आई थी। कल कि जो शिकायत थी उसमें सबसे पहले हमने महिला की समस्या का समाधान किया था। आज थोड़ी व्यस्तता के कारण मैं ज्यादा समय नहीं दे पाई, कल मैं खुद सीसीटीवी फुटेज चेक करूंगी, और जिसकी भी गलती होगी निश्चित तौर पर एक्शन लिया जाएगा।'

कुल मिलाकर अंधेर मची हुई है। इस गंभीर विषय को लेकर जिम्मेदार सुप्त अवस्था में चल रहे हैं। सरकारी कामकाज के लिए हमने उपर जो जुमला मुहावरा कहा बताया है वह इन हालातों पर बिल्कुल फिट बैठता है। और इस कथित रामराज्य के लिए सबकुछ खुद राम भरोसे ही चल रहा है।

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