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लखनऊ में मारा गया पूर्व ब्लॉक प्रमुख MLA हत्याकांड में था मुख्य गवाह, इसलिए रास्ते से हटाने के लिए कर दी गई हत्या
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। योगीराज में उत्तर प्रदेश क्राइम प्रदेश के रूप में बदल चुका है। राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र स्थित कठौता चैराहे पर कल बुधवार 6 जनवरी को हुए गैंगवार के दौरान मऊ जनपद के मोहम्मदाबाद से पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना में मृतक का साथी मोहर सिंह सहित दो अन्य लोग घायल भी हुए थे।
मामले की जांच में जुटी पुलिस की कई टीमों को अब हत्यारों का पता लगाने के लिए अलग-अलग जिलों में लगाया गया है। शुरुआती जांच में इस बात की आशंका जताई गई है कि अजीत सिंह की हत्या एक हत्याकांड में गवाही देने से रोकने के लिए करवाई गई है। अजीत सिंह विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिम्पू हत्याकांड का मुख्य गवाह था, जिसके चलते यह हत्या होनी बताई जा रही है।
इस मामले में पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने मीडिया को बताया कि अजीत गोमतीनगर विस्तार स्थित राप्ती अपार्टमेंट रहता था। वह मूलरूप से मऊ के भदीड़ गांव का रहने वाला था। कल 6 जनवरी की रात करीब आठ बजे वह मोहर सिंह के साथ किसी काम से कठौता चौराहे के पास स्थित उदय टावर आया था। दोनों के एसयूवी से उतरते ही पहले से घात लगाए तीन बदमाशों ने गोलियां बरसा दीं। फायरिंग से पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। अजीत लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा। मोहर शोर मचाते हुए बदमाशों के पीछे भागा, लेकिन तब तक वे बाइक से फरार हो गए। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवा रही है। अजीत के साथी से पूछताछ के साथ मऊ व आजमगढ़ पुलिस से संपर्क किया गया है।
पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद बताया कि वारदात में बदमाशों ने नौ एमएम पिस्तौल का इस्तेमाल किया है। घटनास्थल पर जांच करने पहुंची पुलिस टीम ने अजीत की गाड़ी की भी जांच की। इस दौरान गाड़ी के लॉक तोड़े गए तो अंदर से अजीत की दो लोडेड पिस्तौलें भी बरामद की गयी। दोनों से गोली चलने की भी पुष्टि पुलिस द्वारा की गयी है। गाड़ी के अंदर खून के निशान भी पाये गये। पुलिस के मुताबिक इस गोलीबारी में एक बदमाश हुआ है।
पुलिस आयुक्त ने मीडिया केा बताया कि अजीत के खिलाफ मऊ व आजमगढ़ में पांच हत्या सहित 17 केस दर्ज हैं। अजीत के खिलाफ पुलिस ने अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसके आधार पर मऊ जिला प्रशासन ने दिसंबर में उसे जिलाबदर कर दिया था। इसके बाद से ही वह लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार इलाके के राप्ती अपार्टमेंट में रहता था।
गौरतलब है कि आजमगढ़ के जीयनपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सर्वेश सिंह की 19 जुलाई, 2013 को बदमाशों ने घर में घुसकर दिनदहाड़े गोली हत्या की थी। वारदात में अजीत चश्मदीद गवाह था। इस मामले में ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह व अखंड सिंह सहित 13 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस वारदात को पुलिस विधायक हत्याकांड से जोड़कर देख रही है। इसी बिंदु पर जांच भी शुरू कर दी गई है। कुंटू जीयनपुर के छपरा गांव का रहने वाला है। फिलहाल अखंड और कुंटू दोनों जेल में है। पुलिस के मुताबिक शूटरों के बारे में पुलिस के हाथ कई क्लू लगे हैं, जिसके आधार पर कुछ टीमों को पूर्वांचल रवाना किया गया है।
आजमगढ़ और मऊ से इस गैंगवार के कनेक्शन पूरी तरह से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। शूटर कुंटू सिंह का नाम टॉप 10 अपराधियों में दर्ज है। पुलिस को यह भी पता लगा है कि कुंटू सिंह और मृतक अजीत सिंह एक समय अच्छे दोस्त हुआ करते थे, लेकिन आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या के बाद दोनो में आपसी रंजिश हो गयी थी।
इस गोलीबारी के दौरान गोली लगने से एक डिलीवरी बॉय आकाश भी घायल हो गया था। आकाश को वहां गुजर रही एक महिला सिपाही ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने बताया कि आकाश को एक गोली लगी है। वहीं दूसरे घायल को लोहिया अस्पताल ले जाया गया।
जानकारी यह भी सामने आ रहा है कि पूर्व ब्लाॅक प्रमुख अजीत सिंह की विधायक सीपू सिंह की हत्या के आरोपी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह से रंजिश थी। कुंटू जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के छपरा गांव का रहने वाला है और अभी जेल में बंद है। विधायक हत्याकांड में उसके अलावा 12 लोगों पर एफआईआर कराई गई थी।
पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि मृतक अजीत बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी है और उसकी मौत गैंगवार में हुई है।