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योगीराज : सरकारी नल से पानी भरने पर 7 माह की गर्भवती दलित महिला की सवर्णों ने पीट-पीटकर कर दी हत्या
गांव में पीड़ित परिवार से समाजवादी प्रतिनिधिमंडल के नेता क्रांति कुमार सिंह ने जाकर मुलाकात की
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में थाना पसगवां स्थित ग्राम बर्निया में एक गर्भवती दलित महिला की हत्या कर दी गई। महिला की हत्या इसलिए की गई की वह ब्राह्मण परिवार के घर के बाहर लगे हैंडपंप से पानी भर लाई थी।
आरोप यह भी है कि पूरे मामले में पुलिस ने मनगढ़ंत तहरीर लिखकर पीड़ितों से जबरन हस्ताक्षर करवाकर पूरी कार्रवाई कर दी। गांव में घटना के बाद पीड़ित परिवार डर से गांव से पलायन करना चाहता है।
दरअसल लखीमपुर खीरी के बर्निया में रहने वाला एक दबंग ब्राह्मण परिवार जो ग्राम पंचायत का पंचायत मित्र भी बताया जाता है, दबंगई गांव में इस कदर हावी है कि हत्या जैसे मुकदमें को गैर इरादतन हत्या में तब्दील करने को पुलिस भी मजबूर हो जाती है। यह घटना नई सदी की किसी पुरानी फिल्म की तरह लगती है, जिसमें आरोपी सुशील कुमार मिश्रा तथा उसके नेतृत्व में उसके परिवार के लोगों ने अति पिछड़ी कहार जाति बिरादरी के मनोज कुमार व उसके परिवार को सरकारी हैंडपंप पर पानी लेने के विवाद में घर में घुसकर 30 वर्षीय शालू की पीट-पीटकर हत्या कर दी। शालू 7 माह की गर्भवती थी।
हादसे में गर्भवती शालू की मौत हो गई। उसके पति मनोज के सर में काफी ज्यादा चोटें आई हैं। मनोज की मां को भी चोंट आई। घटना के बाद पुलिस ने अपनी मर्जी से तहरीर लिखकर घायल मनोज से हस्ताक्षर करा लिए और हत्या के मुकदमे को गैर इरादतन हत्या में तब्दील कर मामले में आरोपियों को बचाने मैं लग गई है। घटना के दो मुख्य आरोपी सुशील मिश्रा एवं अनिल मिश्रा पत्नी सहित अभी तक फरार हैं। पीड़ित परिवार का कहना है पुलिस पूरी तरह से आरोपियों को संरक्षण प्रदान कर रही है।
उक्त घटना के बाद पीड़ित परिवार इतना दहशत व डर में है कि गांव से पलायन कर जाना चाहता है। बकौल मनोज के यहां 11 साल बाद पत्नी के बच्चा पैदाइश होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन दबंगों ने उसकी पत्नी के हत्या कर दी। पत्नी की हत्या के बाद मानो उसका पूरा परिवार ही उजड़ गया हो।
उसकी पत्नी और पत्नी के पेट में जन्मे बच्चे की हत्या हो जाने से वह पूरी तरीके से बदहवास जैसी हालत में पहुँत चुका है और बार-बार यह पूछ रहा है क्या सरकारी नल पर किसी गरीब का पानी पीना कोई अपराध है? क्या इस देश में संविधान लोकतंत्र और आजादी के कोई मायने हैं कि नहीं है? मनोज के इन सवालों का किसी पुलिस अथवा सरकार के पास कोई जवाब हो तो जनज्वार की तरफ से दे आए।
गांव में पीड़ित परिवार से समाजवादी प्रतिनिधिमंडल के नेता क्रांति कुमार सिंह ने जाकर मुलाकात की और प्रशासन तथा पुलिस के द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिए जाने व पीड़ित परिवार का मुकदमा सुसंगत धाराओं में ना लिखे जाने पर तीखी निंदा की है। क्रांति कुमार सिंह ने जारी बयान में कहा कि पूरा उत्तर प्रदेश पुलिस माफिया अपराधी राज में तब्दील हो गया है और जिसका नतीजा है पुलिस व अपराधी दोनों बेलगाम हैं। सत्ता समर्थित अपराधियों के निशाने पर प्रदेश के दलित पिछड़े अल्पसंख्यक बने हुए हैं।
आए दिन हत्या, बलात्कार यौन उत्पीड़न आम घटनाएं बन चुकी हैं। सपा नेता ने कहा कि एक घटना की खबर पुरानी नहीं पड़ती है दूसरी घटना कुछ ही घंटों में सामने आ जाती है। प्रदेश में कानून के राज के नाम पर अपराधी माफियाओं ने जंगलराज में तब्दील कर दिया है। और अधिकांश मामलों में सत्ता और सरकार के नुमाइंदे ही अपराधों में शामिल पाए जा रहे हैं। इस घटना में भी भारतीय जनता पार्टी के ही समर्थक सामने आ रहे हैं।