Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

चित्रकूट जेल गोलीकांड में मारा गया मुख्तार अंसारी का करीबी मेराज, आज ईद के दिन घर में पसरा मौत का मातम

Janjwar Desk
14 May 2021 3:54 PM IST
चित्रकूट जेल गोलीकांड में मारा गया मुख्तार अंसारी का करीबी मेराज, आज ईद के दिन घर में पसरा मौत का मातम
x

चित्रकूट जेल गोलीकांड में मारे गए कुख्यात मुकीम काला, मेराज व अंशुल

जेल सूत्रों के मुताबिक अंशुल पुत्र जगदीश के पास असलहा था ऐसे में चित्रकूट के डीएम और एसपी द्वारा पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा...

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की चित्रकूट जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक के अंदर शुक्रवार को तीन कुख्यात बदमाशों की हत्‍या कर दी गई। इस हत्‍याकांड को अंशु दीक्षित नाम के कैदी ने अंजाम दिया था जिसे जिला जेल सुल्तानपुर से चित्रकूट लाया गया था। शुक्रवार सुबह लगभग दस बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला तथा बनारस जिला जेल से आए मेराज अली को उसने असलहे से मौत की नींद सुला दिया।

जेल सूत्रों के मुताबिक अंशुल पुत्र जगदीश के पास असलहा था ऐसे में चित्रकूट के डीएम और एसपी द्वारा पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा। उसकी आक्रामकता तथा जिद को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई विकल्प ना देखते हुए की गई फायरिंग में अंशु दीक्षित भी ढेर हो गया। इस तरह कुल तीन बंदी घटना में में मरे हैं।

वारदात में अंशु दीक्षित को पुलिस मुठभेड़ में जबकि मुकीम काला और मेराज को अंशु दीक्षित ने असलहे से मारा है। इस पूरी वारदात के बाद से कारागार में तलाशी कराई जा रही है। इससे पहले बीते साल वाराणसी जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी माने जाने वाले मेराज अहमद का शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया था। अशोक विहार निवासी मेराज ने अपने विरुद्ध दर्ज मुकदमों को छुपाकर, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिए गए शस्त्र लाइसेंस ले लिया था।

लाइसेंस री-न्यूअल के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसके बाद मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज के खिलाफ जैतपुरा थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। भाई मेराज के विरुद्ध बनारस व रायबरेली के विभिन्न थानों में लगभग एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। साल 2002 में सिगरा के मलदहिया चौराहे पर चार लोगों की सनसनीखेज तरीके से हत्या हुई थी, जिसमें भाई मेराज का नाम चर्चा में आया था।

मछली कारोबारी मेराज का कारोबार काफी समृद्ध था और पूर्वांचल में उसका काफी नाम था। हालांकि, मुख्‍तार का करीबी होने की वजह से जल्‍द ही सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ गया, इसके बाद उसकी फाइलें खुलीं तो उसके अपराध की फेहरिश्‍त भी बढ़ती चली गई।

जिला कारागार में बंद मुख्तार के करीबी मेराज की शासन के आदेश पर 21 मार्च शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच दूसरे जनपद के कारागार भेजा गया। मऊ सदर के विधायक मुख्तार के सहयोगी अशोक विहार कालोनी फेज-1 निवासी मेराज अहमद खान पर फर्जी तरीके से पिस्टल का लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के आरोप में पांच सितंबर 2020 को जैतपुरा थाना प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था।

3 अक्टूबर 2020 को आरोपित मेराज ने जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया चौकी में जाकर समर्पण कर दिया था। जिसके बाद से वह जेल में था। मेराज अहमद को जिला कारागार वाराणसी से चित्रकूट भेजा गया था। वहीं जेल में मेराज की हत्‍या की जानकारी होने के बाद काफी संख्‍या में लोग मेराज के घर पहुंचे और ईद के दिन मेराज की हत्‍या को लेकर परिवार में गम की स्थिति बनी रही।

Next Story

विविध