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राजनीति

Aparna Yadav News : सपा राज में जिस गौ सेवा आयोग का 86% अनुदान अपनी संस्था के लिए ले लिया था, अब उसी की अध्यक्ष बन सकती हैं अपर्णा!

Janjwar Desk
2 April 2022 9:32 AM GMT
Aparna Yadav News : सपा राज में जिस गौ सेवा आयोग का 86% अनुदान अपनी संस्था के लिए ले लिया था, अब उसी की अध्यक्ष बन सकती हैं अपर्णा!
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Aparna Yadav News : सपा राज में जिस गौ सेवा आयोग का 86% अनुदान अपनी संस्था के लिए ले लिया था, अब उसी की अध्यक्ष बन सकती हैं अपर्णा!

Aparna Yadav News : अब सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) सरकार उन्हें गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद देकर उन्हें पार्टी की ओर से प्रचार करने का इनाम दे सकती है...

Aparna Yadav News : अपर्णा यादव (Aparna Yadav) उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) गौ सेवा आयोग की अध्यक्ष बनायी जा सकती हैं। यह खबर उत्तर प्रदेश की राजनीतिक फिजा में पिछले कई दिनों से तैर रही है। आपको बता दें कि अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की बहू हैं।

वे समाजवादी पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। फिलहाल पिछले विधानसभा चुनावों (UP Assembly Elections 2022) के ऐन पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। चुनावों के दौरान उन्होंने भाजपा (BJP) के पक्ष में जमकर प्रचार किया था। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने ससुर की पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और अपने भैंसुर अखिलेश यादव पर जमकर आरोप भी लगाए थे।

अब सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) सरकार उन्हें गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद देकर उन्हें पार्टी की ओर से प्रचार करने का इनाम दे सकती है। हालांकि इस सबके बीच एक सच्चाई और भी है जिससे जानने की जरुरत है। दरअसल मुलायम सिंह यादव की जिस बहू अपर्णा यादव को गौ सेवा आयोगी अध्यक्ष बनानो की चर्चा वह उन पर अखिलेश की सरकार भी कम मेहरबान नहीं थी।

साल 2017 में एक आरटीआई RTI से खुलासा हुआ था कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग की ओर से गोरक्षा और गो सेवा करने वाली जिन संस्थाओं को अनुदान जारी किए गए थे उनका 86% अनुदान सिर्फ अपर्णा यादव की संस्था जीव आश्रय संस्था को दिया गया था।

यहां आपको बता दें कि अपर्णा यादव सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं, जिनकी जीव आश्रय संस्‍था नगर निगम के कान्हा उपवन और अमौसी स्थित गोशाला का संचालन करती हैं।

अनुदान से जुड़ी यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर को आयोग के जन सूचना अधिकारी डॉ संजय यादव की ओर से दी गयी थी।

डॉ. ठाकुर को दी गयी सूचना के अनुसार साल 2012 से 2017 के दौरान पांच वर्षों में अपर्णा की गोशालाओं को कुल 9.66 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया जिसमे 8.35 करोड़ रुपये अकेले जीव आश्रय संस्था को दिया गया जो कि सभी संस्थाओं को दिए गए कुल अनुदान का 86.4 प्रतिशत है।

वर्ष 2012-13, 2013-14 तथा 2014-15 में भी इस निधि से अकेले जीव आश्रय संस्था को सिलसिलेवार ढंग से 50 लाख, 1.25 करोड़ और 1.41 करोड़ रुपए जारी किए गए थे।

सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली इस जानकारी में यह बात पूरी तरह से साफ हो जाती है कि कैसे यूपी में अखिलेश सरकार दौरान अपनों का का विशेष ख्याल रखा गया था। अखिलेश से सीएम रहते उनके भाई प्रतीक यादव और प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव के एनजीओ पर मेहरबानी का आलम यह था कि तीन वर्ष तक सारा पैसा उन्हीं के एनजीओ को जारी किया गया।

प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव तथा पत्नी अपर्णा यादव की संस्था जीव आश्रय पर खासा मेहरबान रहा। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2012 से 2017 के पांच वर्षों के दौरान गोरक्षा व गो सेवा के अनुदान में से 86.4 फीसद सिर्फ इसी संस्था को दे दिया। यही नहीं, 2012-15 के दौरान आयोग से अनुदान पाने वाली यह एकमात्र संस्था रही।

हालांकि जब योगी सरकार सत्ता में आयी थी उसके अगले साल वित्तीय वर्ष 2017-18 में गोसेवा आयोग की ओर से जारी 1.05 करोड़ रुपये के अनुदान में से प्रतीक और उनकी पत्नी अपर्णा यादव की संस्था को कोई अनुसान जारी ​नहीं किया गया था।

हालांकि उसके बाद से ही अपर्णा की भाजपा खेमे से नजदीकियां शुरू हो गयी थीं। अपर्णा और उनके पति प्रतीक यादव इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले थे। उसके गो सेवा से जुड़े कुछ कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच साझा करने की तस्वीरें भी मीडिया में वायरल हुईं थी।

हालांकि जिस समाजवादी पार्टी की सरकार से उन्हें बेतहाशा अनुदान जारी किए उससे उनकी दूरियां बढ़ने लगी थी। इन्हीं बढ़ती दूरियों को बीच 2022 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले ही अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गयीं और अपने ही ​परिवार के खिलाफ हमला बोलने लगीं।

इस दौरान अपर्णा यादव की नाराजगी का आलम यह था कि जब चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत हुई तो अपर्णा यादव भाजपा की जीत का जश्न उनके घर महज कुछ सौ मीटर की दूरी स्थित अखिलेश यादव के घर के बाहर अपने कार्यकर्ताओं के साथ मनाने पर उतारु थीं। पर करीबियों और अफसरों के काफी समझाने के बाद उन्होंने अपने इस इरादे को टाल दिया था।

अब अगर भाजपा राज में अपर्णा यादव उसी गौ सेवा आयोग की अध्यक्ष बन जाती हैं जिस आयोग का समाजवादी पार्टी के राज में 86 प्रतिशत अनुदान उनकी संस्था को ही जारी कर दिया गया था जो यह काफी दिलचस्प होगा। हालांकि अपर्णा को गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि सरकार की ओर से नहीं की गयी है।

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