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उत्तर प्रदेश

Azamgarh Samachar: आतंकवाद के नाम पर आज़मगढ़ से गिरफ्तार सबाउद्दीन के परिजनों से रिहाई मंच ने की मुलाकात

Janjwar Desk
12 Aug 2022 6:40 PM IST
Azamgarh Samachar: आतंकवाद के नाम पर आज़मगढ़ से गिरफ्तार सबाउद्दीन के परिजनों से रिहाई मंच ने की मुलाकात
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Azamgarh Samachar: आतंकवाद के नाम पर आज़मगढ़ से गिरफ्तार सबाउद्दीन के परिजनों से रिहाई मंच ने की मुलाकात

Azamgarh Samachar: रिहाई मंच ने आतंकवाद के नाम पर आज़मगढ़ के अमिलो, मुबारकपुर से गिरफ्तार सबाउद्दीन के परिजनों से मुलाकात की. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव से 24 वर्षीय सबाउद्दीन के भाई मुसलाहुद्दीन और नूरुद्दीन ने बताया कि एक हफ्ते पहले 3 अगस्त को रात साढ़े आठ-नौ बजे वर्दी में थाने से एक सिपाही और सादे कपड़ों में कोई 12-13 लोग आए थे.

Azamgarh Samachar: रिहाई मंच ने आतंकवाद के नाम पर आज़मगढ़ के अमिलो, मुबारकपुर से गिरफ्तार सबाउद्दीन के परिजनों से मुलाकात की. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव से 24 वर्षीय सबाउद्दीन के भाई मुसलाहुद्दीन और नूरुद्दीन ने बताया कि एक हफ्ते पहले 3 अगस्त को रात साढ़े आठ-नौ बजे वर्दी में थाने से एक सिपाही और सादे कपड़ों में कोई 12-13 लोग आए थे. उन्होंने परिवार के बारे में लंबी पूछताछ की. वार्ड नंबर 9 महमूदपुरा से भाई चुनाव की तैयारी में व्यस्त था. मोहर्रम को देखते हुए उन्होंने पीस कमेटी का मेम्बर बनाने की बात कही.


उन्होंने सबाउद्दीन की तलाशी ली और घर की भी. कहा कि इसका कोई दोस्त किसी लड़की से बात करता है. इसी सिलसिले में कुछ पूछताछ करनी है, एक घंटे बाद छोड़ देंगे और उसे लेकर चले गए. बहुत कोशिशें हुईं उसका कुछ पता नहीं चला. अंत में 9 तारीख को खबर मिली कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

आतंकवादी गतिविधियों में भाई की संलिप्तता के आरोप को उन्होंने खारिज कर दिया. कहा कि घर से कटर, स्क्रूड्राइवर, टेस्टर, वायर, कीला आदि मिला तो इसलिए कि वो खाली वक़्त में इलेक्ट्रिशियन के तौर पर भी काम करता था.

सबाउद्दीन समेत घर के तीन और लोगों का मोबाइल एटीएस वाले लेकर चले गए. सबाउद्दीन की 65 वर्षीय मां के अलावा वह पांच भाई हैं. सबाउद्दीन के पास पासपोर्ट नहीं है. रिहाई मंच ने कहा कि जिस तरह से इस मामले में सबाउद्दीन को एमआईएम का सदस्य बताया जा रहा और उसे आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार किया गया उससे ये भी प्रतीत होता है कि मुस्लिम केंद्रित राजनीतिक संगठनों को निशाने पर लिया जा रहा है. ठीक इसी तरह पिछले कुछ सालों में पीएफआई के सदस्यों के नाम पर गिरफ्तारियां हुई हैं. यह खेल मुसलमानों को खलनायक बताने और उन्हें मुख्यधारा से दूर रखने के लिए हो रहा है. यह बड़ी साजिश है.

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