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उत्तर प्रदेश

फतेहपुर में किसानों के समर्थन में बांदा-बहराइच राजमार्ग हुआ जाम, कहा सरकार को वापस लेना पड़ेगा काला कानून

Janjwar Desk
27 Nov 2020 3:28 PM GMT
फतेहपुर में किसानों के समर्थन में बांदा-बहराइच राजमार्ग हुआ जाम, कहा सरकार को वापस लेना पड़ेगा काला कानून
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किसान की प्रगति के नाम पर जो तीन बिल पास कराये गये, वह सभी किसान विरोधी हैं, इन बिलों का लाभ पूंजीपतियों को मिल रहा है, सरकार अगर नहीं मानी तो हम भी दिल्ली कूच करेंगे....

फतेहपुर, जनज्वार। किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन में आज शुक्रवार 27 नवंबर को बांदा-बहराइच राजमार्ग पर दशवां मील टोल प्लाॅजा के पास किसान यूनियन ने सड़क जाम कर सरकार का विरोध किया। दिन के एक बजे से किसानों का जाम देर शाम तक जारी रहा।

सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि किसान विरोधी बिलों को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच पर सरकार उत्पीड़नात्मक रवैया अपना रही है।

किसानों पर पानी की बौछार, रबर की गोलियां दागना, आसू गैस के गोले छोड़ना किसानों का उत्पीड़न है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर किसानों की मांगे नहीं मानती तो राष्ट्रीय यूनियन के आह्वान पर यह जाम अनिश्चितकालीन भी हो सकता है।


भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार से निर्धारित मूल्य किसानों को हर दशा में चाहिये। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार से एमएसपी की गारन्टी चाहिये। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये बकाया भुगतान आज तक नहीं कराया गया। किसानों का धान किसी भी कीमत में सरकारी खरीद केन्द्रों में नहीं लिया जा रहा है, जो लिया जा रहा है उसका सही मूल्य नहीं दिया जा रहा है।

केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान की प्रगति के नाम पर जो तीन बिल पास कराये गये, वह सभी किसान विरोधी हैं। इन बिलों का लाभ पूंजीपतियों को मिल रहा है। सरकार अगर नहीं मानी तो हम भी दिल्ली कूच करेंगे। पंजाब ओर हरियाणा के किसानों के साथ सरकार बर्बरता कर रही है, जो किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

राष्ट्रीय आह्वान पर सुबह दस बजे से बांदा-बहराइच मार्ग पर किसानों का आना शुरू हुआ था, जो दोपहर तक बराबर जारी रहा। एक बजे से शुरू हुआ सड़क जाम देर शाम तक जारी रहा। धरनास्थल के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। बशर्ते यहां किसानों ने संयम का परिचय दिया और माहौल को शांत रखा।

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