- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- गेस्ट हाउस केस वापसी...
गेस्ट हाउस केस वापसी रही बड़ी भूल, सपा को हराने के लिए भाजपा को भी दूंगी समर्थन : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर मीडियाकर्मियों से बातचीत की।
जनज्वार। उत्तरप्रदेश की राजनीति में बड़े-उलटफेर के बाद मायावती ने अपने तेवर समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव के खिलाफ बेहद तल्ख कर लिए हैं। मायावती ने गुरुवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी के राज्यसभा व विधायक विधान परिषद के आगामी चुनाव में उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव हराने में समक्ष किसी भी उम्मीदवार को समर्थन देगी।
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार को हराने में जो भी पार्टी भारी पड़ेगी भले ही वह भाजपा ही क्यों न हो तो उनका वोट उसे मिलेगा। मायावती ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव में हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।
#WATCH BSP Chief Mayawati says that her party will vote for BJP or any party's candidate in future UP MLC elections, to defeat Samajwadi Party's second candidate.
— ANI (@ANI) October 29, 2020
"Any party candidate, who'll be dominant over SP's 2nd candidate, will get all BSP MLAs' vote for sure," she said. pic.twitter.com/ki4W6ZAwgE
मायावती ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद इनका जो रवैया हमारी पार्टी ने देखा है, उससे हमें यह लगा कि हमने दो जून 1995 का गेस्ट हाउस केस वापस लेकर बड़ी गलती की और हमें इनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हमें उस मामले में थोड़ा और गहराई से सोचना चाहिए था।
मायावती ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में एनडीए को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने सपा सरकार में मेरी हत्या करने की साजिश की घटना को भूलाते हुए देश में संकीर्ण ताकतों को कमजोर करने के लिए सपा के साथ हमने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था।
सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले दिन से ही एससी मिश्रा जी को ये कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान केस वापस लेना पड़ा: मायावती, BSP https://t.co/hWhMS0UA54
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 29, 2020
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले ही दिन से सतीश चंद्र मिश्रा को यह कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को दो जून 1995 के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, ऐसे में चुनाव के दौरान हमें केस वापस लेना पड़ा।
मायावती ने कहा कि इनका एक और दलित विरोधी चेहरा हमें कल राज्यसभा के पर्चांें की जांच के दौरान देखने को मिला, जिसमें सफल न होने पर ये खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह जबरदस्ती बीएसपी पर बीजेपी के साथ साठगांठ करके चुनाव लड़ने का गलत आरोप लगा रहे हैं।
मालूम हो कि बुधवार को समाजवादी पार्टी ने मायावती की पार्टी बसपा के पांच विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा कर बड़ा झटका दिया था। इन पांच विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार रामजी गौतम को समर्थन देने से इनकार कर दिया चुनाव के रिटर्निंग आॅफिसर को इस बारे में सूचित करते हुए बताया कि उस संबंध में उनका समर्थन का हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव फर्जी है।
बसपा से बगावत करने वाले विधायकों के नाम असलम चैधरी, असलम रैनी, मुजतबा सिद्दिकी, हकाम लाल बिंद और गोविंद जाटव हैं। उत्तरप्रदेश में राज्यसभा चुनाव में प्रकाश बजाज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे हैं जिन्हें सपा ने समर्थन का ऐलान किया है।