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दो भाईयों की फिल्मी तस्करों जैसी कहानी जानकर हर कोई हैरान, एक MBA दूसरा है BBA पास
मनीष दुबे की रिपोर्ट
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के जाजमऊ स्थित हाईसोसाइटी फ्लैट में रहने वाले एमबीए और बीबीए पास दो सगे भाइयों को जब कानपुर देहात पुलिस उठा ले गई तो आस-पड़ोस के लोग असलियत जानकर हैरान रह गए। अपने शौक पूरे करने के लिए पढ़े-लिखे दो सगे भाइयों ने ऐसा पेशा चुना जिसके बाद दोनो सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। दोनो की शानोशौकत देखकर लोगों को संदेह तो था, पर जब शनिवार रात देहात पुलिस उन्हें उठाने आई तो लोगों का शक यकीन में बदल पाया।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार फहीम और उसका भाई सैफ शहर के जाजमऊ शिवगोदावरी के ड्रीमलैंड में बने फ्लैट में रहते थे। ड्रीमलैंड में बड़े टेनरी मालिक और व्यापारी रहते हैं, जहां पर उनका भी फ्लैट था। फहीम एमबीए की पढ़ाई पूरी कर चुका है तो सैफ बीबीए पास है। उनकी गिरफ्तारी के बाद हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल था कि इतनी अच्छी पढ़ाई करने के बाद दोनों भाइयों ने ऐसा पेशा क्यों चुना कि अब सलाखों के पीछे हैं। पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि डिग्री लेने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो महंगे शौक पूरे करने के लिए वह जरायम के पेशे में उतर गए। इसके बाद अमीर लोगों के बीच में रहने लगे।
पढ़े-लिखे युवा भाइयों ने पशु चोरी और तस्करी का गिरोह बना रखा था। कानपुर देहात, जालौन समेत आसपास क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम देते थे। किसी गांव से पशु चोरी होने पर अक्सर पुलिस रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करती है और इसी वजह से उनके पकड़े जाने की संभावना भी कम रहती थी। पुलिस अब उसके साथ काम करने वालों की तलाश में जुटी है। फहीम मूलरूप से जालौन का रहने वाला है, इसलिए उसके गिरोह में जालौन के चार लोग शामिल थे। लाखों के फ्लैट में रहने वाले भाइयों के पास महंगी कार, महंगे मोबाइल व अन्य संपत्तियों की भी जानकारी पुलिस को मिली है।
कानपुर देहात में बीते कुछ दिनों से मवेशी चोरी की घटनाएं बढ़ने पर एसपी ने टीम सक्रिय की थी। बीते दिनों बरौर पुलिस ने मास्टरमाइंड फहीम समेत सात सदस्यों को गिरफ्तार किया। एसपी ने बताया कि बरौर थाना पुलिस ने मवेशी चोर गिरोह को मकरंदापुर से डोभा की तरफ जाते हुए गिरफ्तार किया था। इसमें जाजमऊ कानपुर निवासी फहीम, भोगनीपुर बनयानी निवासी मोनी, उरई जालौन का निजाम, आमिर, झांसी काशीपुरा का शैलेंद्र, जालौन एट का गया प्रसाद मिश्रा व तशलीम कुरैशी है। फहीम ने वर्ष 2012 में एमबीए पास किया था और उसके भाई सैफ ने भी बीबीए की पढ़ाई की है।
गिरोह ने राजपुर में चार मवेशी चोरी किए थे, जिसका सौदा 70 हजार रुपये में किया था। मवेशी बिकने के बाद सभी में बराबर रुपये बांटे गए थे। फहीम किसी भी मवेशी में ज्यादा रुपये अपने पास ही रखता था, इसमें उसका भाई सैफ भी शामिल रहता था। गिरोह के सदस्य चोरी करने के बाद फहीम तक मवेशी पहुंचा देते थे। दोनों भाई कानपुर के मैस फैक्ट्री मालिक अनवर को मवेशी बेच देते थे। इसके बाद मवेशियों को स्लाटर में काटकर बेचा जाता है और विदेश तक मीट जाता था। इन सभी ने भोगनीपुर, राजपुर, बरौर समेत कई जगहों से मवेशियों को चोरी किया था।
इस गिरोह के संपर्क में आगरा, कौशांबी, मुरादाबाद समेत झारखंड व बिहार के गिरोह भी थे। वहां से मवेशी चोरी करने के बाद यहां बेचने का काम होता था। एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी क्योंकि इसमें कई जिलों से तार जुड़े होने से बड़ा नेटवर्क पकड़ में आ सकता है। फहीम के भाई सैफ की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
कानपुर देहात एसपी अनुराग वत्स ने जनज्वार को बताया कि सरगना फहीम को जल्द ही पुलिस रिमांड पर लेकर अहम साक्ष्य व अन्य सामान जुटागी। इसके अलावा इनके अन्य साथियो के बारे में पड़ताल कर जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी। दोनो के गिरोह में कई सक्रिय सदस्यों के होने की बात सामने आ रही है, जो कई जनपदों में फैले हैं।