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जेल में बैठकर रची गई थी पूर्व बसपा नेता और हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर हत्याकांड की साजिश
जनज्वार, कानपुर। यूपी के कानपुर के पूर्व बसपा नेता और हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर की 20 जून को सरेआम ताबड़तोड़ गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने कई खुलासे किये हैं।
पिंटू सेंगर हत्याकांड की साजिश के तार अब पूर्वांचल से जुड़ने लगे हैं। पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद कहा है कि शहर के अपराधियों के साथ मिलकर पूर्वांचल के शूटरों ने पिंटू को ठिकाने लगा दिया। कहा जा रहा है कि पुलिस ने हिस्ट्रीशीटरों की पहचान कर ली है बस इंतज़ार है तो पुख्ता सुबूतों का।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शूटरों की लोकेशन ट्रेस की गई थी। जानकारी है कि शूटर पिंटू को मारने के बाद शुक्लागंज की तरफ भागे थे। छानबीन में सामने आया है कि हत्या में शहर के दो हिस्ट्रीशीटर शामिल थे। इन दोनों के साथ पूर्वांचल के हिस्ट्रीशीटों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। बताया गया कि चमनगंज इलाके का एक हिस्ट्रीशीटर रडार पर है। वारदात में शहर की ही दो बाइकों का इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आ रही है।
पिंटू सेंगर के शरीर पर शूटरों ने ताबड़तोड़ 18 गोलियां दागी गयी थीं। पोस्टमॉर्टम के आधार पर सेंगर के दिल, गुर्दा, लिवर सहित अन्य अंगों पर भी गोलियां दगी थीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 5 गोलियां कमर, घुटने, जांघ में फंसी होने के अलावा बाकी शरीर से पार निकल गई। पिंटू सेंगर के शरीर पर कुल 23 घाव मिले हैं, जिसके आधार पर डॉक्टरों ने बताया हमलावर प्रोफेशनल शूटर थे।
पिंटू सेंगर को जानने वाले कहते हैं कि उसकी बसपा के अलावा सपा में भी पैठ थी। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि प्रधान पिता और जिला पंचायत सदस्य मां से शुरू होती है। पिछली बार देहात के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पिंटू सेंगर सपा के राम सिंह से चुनाव हार गये थे, लेकिन सपा नेताओं के बीच उनका उठना बैठना बराबर रहा। जब उन्हें मौत के घाट उतारा गया तब भी वे वे सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के घर जा रहे थे। हत्या के बाद बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस और भाजपा के भी कुछ नेता पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे।
नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर एक दशक पहले उस समय सुर्खियों में आये था, जब 2010 में उन्होंने मायावती के जन्मदिन पर बसपा सुप्रीमो के लिए चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया था। इसके बाद मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। हालांकि दो साल पहले पिंटू ने फिर से बसपा ज्वाइन की थी।। वह सांसद रहीं फूलनदेवी के भी करीबी थे। फिलहाल भी पिंटू सेंगर भोगनीपुर से विधायकी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
पुलिस का कहना है कि शरीर पर बरसाई गयीं ताबड़तोड़ गोलियों से पता चलता है कि वह किसी भी सूरत में पिंटू को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 7.65 बोर की पिस्टल से गोलियां दागी गईं। जांच के अनुसार मुंगेर की बनी पिस्टलों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके बाद पुलिस को पूर्वांचल के शूटरों पर शक और बढ़ गया है।
दरअसल नामजद आरोपी व पिंटू के विरोधी का एक खास गुर्गा जेल में बंद है। सेंगर हत्याकांड में नामजद आरोपियों के साथ उससे तार जुड़ने की बात भी सामने आ रही है। जेल में बंद हिस्ट्रिशीटर पर हत्या के कई मामले दर्ज हैं, उसी ने पूर्वांचल के शूटरों को पिंटू की हत्या का जिम्मा सौंपा। इसके अलावा पिंटू का पप्पू स्मार्ट व सऊद अख्तर से पुराना विवाद चल रहा था।
वर्ष 2017 में भी सेंगर को गोली मारी गई थी, जिसके बाद उसने पप्पू स्मार्ट और सऊद पर मुकदमा दर्ज कराया था। पिंटू ने दोनों की संपत्ति भी जब्त करवा दी थी। मुकदमे से बचने और आर्थिक नुकसान की खुन्नस भी हत्या की गुत्थी हो सकती है।
पिंटू सेंगर हत्याकांड में भाई धर्मेंद्र सेंगर के मुताबिक 3 साल पहले 2017 में पप्पू स्मार्ट और सऊद अख्तर ने नरेंद्र को गोली मारी थी, जो उसके कंधे पर लगी थी। इस मामले में नरेंद्र की गवाही होनी थी। गवाही न हो तथा सुलह हो जाये इसके लिए आरोपी लगातार दबाव बना रहे थे। इसके अलावा पिंटू का मनोज गुप्ता से चार बीघा जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था। आरोप है कि इन सभी ने पिंटू को जान से मार देने की धमकी दी थी जिसे अब अंजाम दिया है।
पोस्टमार्टम के बाद सेंगर का शव रविवार 21 जनवरी की सुबह साढ़े आठ बजे उसके निवास मंगला विहार पहुंचा। शव देखते ही पत्नी, मां, बेटी समेत सभी परिजन बिलखने लगे। पिंटू की बेटी रोकर बोली पापा उस दिन अगर आप न जाते तो आज हमारे साथ होते।
हिस्ट्रीशीटर पिंटू सेंगर के शव का महाराजपुर स्थित ड्योढ़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। शव में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा के तमाम नेताओं सहित कई प्रॉपर्टी डीलर समेत पूर्व कुख्यात गोल्डन बाबा भी उपस्थित रहा।