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उत्तर प्रदेश

Fatehpur News : यूपी के फतेहपुर में 11 दिन में चार लड़कियां गायब, कहीं शादी का झांसा तो कहीं अपहरण का आरोप

Janjwar Desk
11 Sept 2022 9:35 PM IST
Fatehpur News : यूपी के फतेहपुर में 11 दिन में चार लड़कियां गायब, कहीं शादी का झांसा तो कहीं अपहरण का आरोप
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Fatehpur News : यूपी के फतेहपुर में 11 दिन में चार लड़कियां गायब, कहीं शादी का झांसा तो कहीं अपहरण का आरोप

Fatehpur News : उत्तर प्रदेश का फतेहपुर बीते चार दिनों से चर्चाओं में है। वो इसलिए, क्योंकि यहाँ पिछले ग्यारह दिनों में चार लड़कियां किडनैप हो चुकी हैं। किडनैप गईं लड़कियों की उम्र 14 साल से लेकर बीस साल के बीच बताई जा रही है।

Fatehpur News : उत्तर प्रदेश का फतेहपुर बीते चार दिनों से चर्चाओं में है। वो इसलिए, क्योंकि यहाँ पिछले ग्यारह दिनों में चार लड़कियां किडनैप हो चुकी हैं। किडनैप गईं लड़कियों की उम्र 14 साल से लेकर बीस साल के बीच बताई जा रही है। उससे भी मजे की बात की फतेहपुर पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है। स्थानीय मीडिया के अलावा मामला भी गायब है तो शायद सीएम योगी तक बात न पहुँचे। बात पहुँचे तो लेवाना जैसी तेजी आए।

खैर, जिले के थरियांव थाना क्षेत्र से एक 15 वर्षीय किशोरी को नौ सितंबर की शाम एक युवक बहला फुसलाकर कर ले गया। मामले में धर्मपरिवर्तन के लिए किशोरी के अपहरण किए जाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने आरोपी युवक समेत पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।

किशोरी की मां से मिली तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही साकिब के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज किया है। मां का आरोप है कि लापता बेटी की तलाश में वह साकिब के घर पहुंची। उसके घरवालों से अपनी बेटी के बारे में पूछताछ की। इससे नाराज होकर साकिब के पिता अफसर अहमद उर्फ टिर्री और तीन अन्य ने उसे गाली गलौज कर जान से मार देने की धमकी दी किशोरी की मां ने अपहरण कर्ता साकिब पर आरोप लगाया कि बेटी का अपहरण धर्मपरिवर्तन और निकाह के लिए किया है। प्रभारी निरीक्षक थरियांव एपी सिंह ने बताया कि संदिग्धों के मोबाइल सर्विलांस में लगाकर किशोरी की तलाश की जा रही है। साथ ही बताया कि, युवक के कुछ करीबियों की धरपकड़ की गई है।

सात सितंबर : कोतवाली सदर

जिले की ही सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव के रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी बीती सात सितंबर की दोपहर लापता हो गई। किशोरी के पिता ने सैदाबाग के रहने वाले प्रदीप कुमार और उसके पिता हरीमोहन के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पिता का आरोप है कि प्रदीप ने उसकी बेटी का अपहरण किया है। अपहरण की साजिश में उसका पिता हरीमोहन भी शामिल हैं। इस मामले में भी पुलिस छानबीन कर रही है।

तीन सितंबर : कोतवाली खागा

यहां एक 16 साल की किशोरी को बीती तीन सितंबर को एक युवक द्वारा अपहरण कर लिया गया। आरोप है कि युवक ने उसे शादी का झांसा देकर किडनैप कर लिया है। युवती खागा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली है। उसके पिता ने एफआईआर में आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया कि पुत्री को महमदपुर थाना थरियांव का रहने वाला दिलीप अपहरण कर ले गया है। बहरहाल, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर रखी है।

दो सितंबर : कोतवाली खागा

कोतवाली क्षेत्र खागा के ही एक गांव की रहने वाली 20 वर्षीय किशोरी दो सितंबर से लापता है। वह बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी। उसके पिता ने बताया कि बेटी दो सितंबर को कॉलेज गई थी। शाम को वापस ही नहीं आई। खोजबीन के दौरान एक फोन आया। फोन करने वाला थरियांव थाने के रजाबाद निवासी अनिल कुमार है। अनिल ने फोन पर बताया कि उसकी बेटी को अगवा किया है। वह शादी करेगा। वह अनिल के घर पहुंचा, जहां अनिल के भाई बिंदा प्रसाद, बहनोई वीरेंद्र ने उससे गाली गलौज की और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। पुलिस ने इसमें भी रिपोर्ट दर्ज की है।

घटना में सहयोगी है भाई

घटना में उसका भाई दीपक सहयोगी है। उसके गांव में दिलीप की रिश्तेदार के घर आता जाता रहा है। शादी का झांसा देकर नाबालिग पुत्री का अपहरण किया है। कोतवाल जेपी शाही ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर किशोरी को बरामद किया है। आरोपी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।

अक्सर बाद में अलग निकलते हैं मामले

इन जैसे मामलों में अक्सर देखा जाता है कि बात कुछ और होती है लेकिन मामला किसी बात का दर्ज कर लिया जाता है। गोरखपुर, घाटमपुर, या और जिलों में घटना कारित होने के बाद मामला प्रेम-प्रसंग अथवा पारिवारिक अड़चनों जैसा निकलता है। पुलिस, सिस्टम, अदालत परिजन सब अपनी-अपनी स्टाइल में न्याय करते देखे जाते हैं। कभी-कभी इन मामलों में लाठी अथवा गोली भी चल जाती है, जानमाल का भी नुकसान होता है।

गोरखपुर, आगरा, घाटमपुर का जिक्र हमने इसीलिये किया। क्योंकि यहां दिलशाद, अल्ताफ अथवा सुमेर की नहीं बात उस समाज सिस्टम की भी है अपने आस-पास इन जैसी चीजों को स्थान नहीं देना चाहता। कभी-कभी ऐसी घटनाओं में किशोर-किशोरियां रजामंदी और परिवार के हस्तक्षेप के दरम्यान इस तरह का कदम उठा लेते हैं। जिनमें किसी किसी को न्याय मिलता है तो अनगिनत समाज सिस्टम का शिकार हो जाते हैं। बाकी आखीर में पुलिस तो बैठी ही होती है, उचित न्याय के लिए।

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