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योगी के बेसिक शिक्षा मंत्री की विधानसभा में फूंक दी गईं 5 स्कूली बसें, लेकिन क्षेत्र में नहीं हुआ उनका दौरा
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में रविवार 26 जुलाई की रात कुछ असामाजिक तत्वों ने अल फारूक इंटर कॉलेज में घुसकर पांच बसों को आग के हवाले कर दिया। इनमें से 2 बसें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं जबकि 3 अन्य बसों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते इस स्कूल को क्वारंटीन सेंटर के लिए दिया गया था। कोरोना लॉकडाउन के चलते बसें स्कूल में खड़ी में थीं।
बता दें कि सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी का गृह जनपद भी है। लेकिन शिक्षा मंत्री की ओर से इस घटना को लेकर अभी तक न कोई टिप्पणी की गई है और न ही घटनास्थल का दौरा किया गया है।
इस मामले में मोहम्मद मुबारक की ओर से इटवा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआई में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 435, 51 (आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005), 3 महामारी अधिनियम 1897) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
दर्ज एफआईआर में मुबारक ने बताया है कि अमौना का अल फारूख इंटर कालेज लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद है जिससे कॉलेज के सभी वाहनों को सीमा में पूर्व दक्षिण भाग में खड़ा किया गया है। 26 जुलाई की रात के किसी समय अज्ञात उपद्रवी स्कूल की सीमा के अंदर आए और वहां कड़ी पांच बसों को क्षति पहुचायी। ,बसों के अंदर की सीटों और पीछे के हिस्सों को पूरी तरह से जलाया दिया गया है जिससे करीब छह लाख रूपये का नुकसान हुआ है। एफआईआर में यह भी बताया गया है कि घटनास्थल पर कुत्ते को भी मारकर जलाने की कोशिश की गई, कुत्ता मरा पड़ा है।
इस पूरी घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल है या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि यहां हिंदू युवा वाहिनी का इलाके में बहुत प्रभाव है। बता दें कि हिंदू युवा वाहिनी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुड़े रहे हैं। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस इलाके में सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं लेकिन फिर भी यह हिंसा हुई है।
जबकि सामाजिक संगठन पीपुल्स अलायंस के शाहरूख अहमद ने जनज्वार को बातचीत में बताया कि इस इलाके में बीते डेढ़-दो साल पहले कथित गोकशी का मामला आया था। जिसपर खूब विवाद हुआ था। शाहरूख बताते हैं कि अल फारूख स्कूल में करीब तीन हजार छात्र पढ़ते हैं, इनमें अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं लेकिन अन्य समुदायों के बच्चे भी यहां पढ़ते हैं।
शाहरूख बताते हैं कि अलफारूख स्कूल का नाम सिद्धार्थनगर जिले के प्रतिष्ठित स्कूलों में आता है। यह स्कूल बीते तीन दशक से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वहीं इतनी बढ़ी घटना के बावजूद पांच दिन हो गए हैं लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से किसी दोषी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।