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उत्तर प्रदेश

हेमा मालिनी ने भी मोदी सरकार की तरह किसानों को मान लिया 'नासमझ', 'किसी के कहने पर दे रहे धरना'

Janjwar Desk
13 Jan 2021 6:07 AM GMT
हेमा मालिनी ने भी मोदी सरकार की तरह किसानों को मान लिया नासमझ, किसी के कहने पर दे रहे धरना
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हेमा मालिनी ने कृषि कानूनों को किसान के हित में बताते हुए कहा है कि दरअसल किसानों को यह पता ही नहीं है कि वे चाहते क्या हैं और कानून में क्या खामी है...

जनज्वार ब्यूरो। खेत में फसल काटते किसानों के साथ फोटों खींचवा कर खुद को उनका हितैषी बताने वाली अभिनेत्री से राजनेता बनीं हेमा मालिनी ने भी अपनी पार्टी की तरह किसानों की समझदारी पर सवाल उठाया है। उत्तरप्रदेश की मथुरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी ने कहा है कि कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को पता नहीं है कि वे क्या चाहते हैं और कृषि कानून में समस्या क्या है।

हेमा मालिनी ने कहा कि इससे ऐसा लगता है कि वे इस वजह से धरने पर बैठे हैं कि उन्हें किसी ने इसके लिए कहा है। हेमा मालिनी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा के वृंदावन स्थित आवास पहुंची थीं। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया।

मंगलवार (12-01-2021 )को उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कृषि कानून की पैरवी करते हुए कहा कि इसमें कोई कमी नहीं है और किसान विपक्ष के बहकावे में आकर आंदोलन कर रहे हैं। हेमा मालिनी ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया।

मालूम हो कि किसान नेता भी यह कहते रहे हैं कि केंद्र सरकार के साथ हर दौर की वार्ता में सरकार के मंत्री व प्रतिनिधि उन्हें कृषि कानून के बारे में समझाने की कोशिश करते हैं। वे उन्हें यह समझाने की कोशिश करते हैं कि यह कानून उनके पक्ष में है।

किसान पिछले डेढ महीने से अधिक वक्त से मोदी सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वे 26 नवंबर से ही दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं और सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अंदर प्रवेश करने से रोक रखा है।

इस बीच मंगलवार को इन कानूनों पर विचार व सुझाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की एक कमेटी बनायी है और फिलहाल इस पर रोक लगा दी है। हालांकि किसान संगठनों ने कहा है कि वे इसे रद्द करवाना चाहते हैं या इस पर स्थायी रोक चाहते हैं, इसलिए उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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