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रेलवे की जमीनों पर भी था गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची का कब्जा, परत-दर-परत खुल रहे राज
कानपुर। बिकरू के गैंगस्टर विकास दुबे और उसके खजांची जय बाजपेई से पुलिसिया सांठगांठ का बड़ा खुलासा हुआ है। गैंगस्टर जय बाजपेई के मकान में रहने वाले तीन दरोगाओं को डीआईजी प्रितिंदर सिंह ने गुरुवार 20 अगस्त की देर रात सस्पेंड कर दिया है। तीनो दरोगा जय बाजपेई के एक विवादित मकान में रह रहे थे। बिकरू कांड होने के बाद अपराधियों से पुलिस की सांठगांठ होने का खुलासा हुआ था।
इस दौरान जय बाजपेई के मकान में कई पुलिसकर्मियों के रहने की जानकारी मिली थी। आईजी मोहित अग्रवाल के निर्देश पर सीओ नजीराबाद गीतांजली ने टीम सहित जय के ब्रहमनगर स्थित विवादित मकान 111/481 में छापा मारा तो वहां कर्नलगंज थाने में तैनात दरोगा राजकुमार, अनवरगंज में तैनात दरोगा उसमान अली सहित थाना रायपुरवा के दरोगा खालिद आराम फरमाते मिले।
सीओ की रिपोर्ट मिलने के बाद आईजी ने तीनो दरोगाओं को सस्पेंड करने के लिए डीआईजी प्रितिंदर सिंह को निर्देशित किया है, जिसके बाद डीआईजी ने तीनो दरोगाओं को देर रात सस्पेंड करते हुए तत्काल प्रभाव से मकान खाली करने के आदेश दिए हैं। डीआईजी प्रितिंदर सिंह ने कहा कि इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है।
रेलवे की जमीनो पर भी था कब्जा
आरटीआई एक्टिविस्ट और अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने एसआईटी के सामने पेश होकर जय बाजपेई व उसके गैंग के सदस्यों द्वारा रेलवे विभाग की दस जमीनों पर कब्जा करने को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत किए। अधिवक्ता के साथ पहुँचे ब्रहमनगर निवासी सूरज निषाद व बलराम ने एसआईटी के सामने कहा कि वह लोग जिस मकान में 40 सालों से रह रहे थे, उसे जय ने जबरन खाली करवा लिया था।
जब वह लोग मकान खाली करने को राजी नहीं हुए तो जय ने नगर निगम से सांठगांठ करके पुलिस की मदद से उसके मकान पर बुलडोजर जलवा दिया। उक्त रेलवे की जमीन को जय ने बाद में 32 लाख रुपये में बेच दिया था।
सामने आईं 29 नई सम्पत्तियां
अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने जय बाजपेई की नामी-बेनामी 29 सम्पत्तियों के कागज भी एसआईटी को सौंपे हैं, जिन्हें जय बाजपेई ने या तो कब्जा लीं या फिर औने-पौने दामों में खरीद लिया था। वहीं ब्रहमनगर निवासी सझम अवस्थी ने भी एसआईटी के सामने पेश होकर जय बाजपेई के खिलाफ उत्पीड़न, मारपीट व जानलेवा हमला करने सम्बंधित फुटेज सौंपे हैं।