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Gorakhnath Temple Attack : गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला नहीं है मानसिक विक्षिप्त, पूर्व पत्नी का दावा - धार्मिक तौर पर कट्टर है मुर्तजा

Janjwar Desk
6 April 2022 7:19 AM GMT
Gorakhpur Temple Attack : गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपित मुर्तजा की पुलिस रिमांड 16 अप्रैल तक बढ़ी, पैरवी करने नहीं पहुंचा कोई वकील
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Gorakhpur Temple Attack : गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपित मुर्तजा की पुलिस रिमांड 16 अप्रैल तक बढ़ी, पैरवी करने नहीं पहुंचा कोई वकील

Gorakhnath Temple Attack : यूपी एटीएस की दो साल पहले मुर्तजा पर नजर थी। पुख्ता सबूत न मिलने की वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था। गोरखपुर में पीएसी के जवानों पर हमला बोलकर उसने खुद ही एटीएस को वो सबूत भी दे दिए जिसकी उसे तलाश थी।

Gorakhnath Temple Attack : यूपी के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी तवानों पर हमले के बाद से एक से बढ़कर एक खतरनाक खुलासे होने का सिलसिला जारी है। पुलिस के अनुसार पीएसी जवानों पर हमला करने वाला मुर्तजा अहमद अब्बासी का कनेक्शन आईएसआईएस और अंसार गजवा वा तुल जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से है। आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग कर चुका मुर्तजा ( Murtaza ) भारत नेपाल बॉर्डर के कई संदिग्ध मदरसों और मरकज के भी संपर्क में रहा है। उसके लैपटॉप और बैग से मिले सुरागों के बाद उत्तर प्रदेश का एंटी टेररिस्ट सेल अलर्ट ( UP ATS Alert ) पर आ गया है। अब यूपी एटीएस उसे लेकर सिद्धार्थनगर और महाराजगंज जा रही है। वहां लेकर जाने की वजह यह है कि हमले से पहले वह दो दिन तक सिद्धार्थनगर के बांसी में ही ठहरा था। यहीं से उसने वह खोका भी खरीदा था, जिससे जवानों पर हमला किया।

अल कायदा और अंसार गजवा वा तुल से है लिंक

इस मामले में एटीएस ( UP ATS ) की अलग-अलग टीमों ने गोरखपुर के साथ ही कुशीनगर महाराजगंज और सिद्धार्थनगर में भी छापेमारी शुरू कर दी है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक अंसार गजवा वा तुल ( Ansar Ghazwa wa Tul ) अल कायदा ( Al Qaeda ) समर्थित आतंकी संगठन है। इसका मकसद निजाम ए मुस्तफा ( Nizam e mustafa ) लाना है। यह भारत ( India ) में भी काफी समय से सक्रिय है।

ISIS स्लीपर सेल को विस्तार देने में जुटा था मुर्तजा

गोरखपुर मंदिर पर हमले के मामले में अब तक की जांच में सामने आया है कि मुर्तजा आतंकी संगठनों से जुड़ा स्लीपर सेल ( Sleeper Cell ) हो सकता है। मुर्तजा खुद एक केमिकल इंजीनियर है। उसने एक ऐप भी डेवलप किया था। एटीएस को आशंका है कि इस ऐप का इस्तेमाल कर वह आतंकी स्लीपर सेल नेटवर्क को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा था। फिलहाल, एटीएस ( UP ATS ) की टीम उस ऐप की पड़ताल कर रही है।

8 बार देखा था अबू हमजा का वीडियो

खास बात यह है कि मुर्तजा ने हमले से पहले आतंकी अबू हमजा के वीडियो आठ बार देखे थे। इसके अलावा अरब देश में नाटो से गोरिल्ला लड़ाई की वीडियो क्लिप भी मुर्तजा ने सैकड़ों बार देखा था। करीब आठ मिनट की ये वीडियो क्लिप मुर्तजा के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अरबी भाषा अबीद के नाम से पाई गई है।

पूवर् पत्नी बोली - मुर्तजा मानसिक बीमार नहीं

गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ( Ahmed Murtaza Abbasi ) का कनेक्शन तलाशने के लिए एटीएस की एक टीम जौनपुर पहुंची है। जौनपुर के तारापुर कॉलोनी में मुर्तजा की ससुराल है। एटीएस टीम ने उसके ससुर और पूर्व बीवी सलमा से करीब एक घंटे तक पूछताछ की। सलमा ने बताया कि जैसा मुर्तजा के पिता मुनीर दावा कर रहे हैं कि उनके बेटे की मानसिक स्थिति सही नहीं है। यह बात गलत है। वह मानसिक रूप से बीमार नहीं है। वह धार्मिक तौर पर कट्टर सोच वाला व्यक्ति है।

पत्नी की भी नहीं करता था परवाह

उसकी पत्नी ने एटीएस को बताया कि ऐसा लगता था कि उसे अपनी पत्नी की कोई फिक्र ही नहीं है। उसके विचार काफी अलग थे। किसी भी बात में तालमेल नहीं बनता था। इन्हीं सब वजहों से उसने कुछ दिनों बाद रिश्ता तोड़ दिया। पूर्व पत्नी सलमा ने बताया कि जब वह जामनगर से लौटी उसके बाद से उसकी कभी मुर्तजा से बात नहीं हुई। जून 2019 में मुर्तजा का सलमा से निकाह हुआ था। 3 महीने बाद दोनों का तलाक हो गया। निकाह के बाद मुर्तजा सिर्फ दो बार ही जौनपुर आया।

रामनगरी अयोध्या की सुरक्षा ATS के हवाले

गोरखनाथ मंदिर (Gorakhpur Temple Attack ) में हुए हमले के बाद अयोध्या में चल रहे प्रसिद्ध चैत्र रामनवमी मेले में सुरक्षा का अलर्ट जारी कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडेय ने मंगलवार को बताया कि गोरखपुर की घटना को देखते हुए भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में चल रहे प्रसिद्ध चैत्र रामनवमी मेले में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। मेले की सुरक्षा के लिए भारी मात्रा में फोर्स की सुरक्षा की तैयारी की जा रही है। रामनगरी की सुरक्षा एटीएस को दे दी गई है। कप्तान के मुताबिक सुरक्षा के साथ चेकिंग भी बढ़ा दी गई है।

पाक जासूस की जांच में नाम आया था सामने

दो साल पहले यानि 2020 में एटीएस ने गोरखपुर के एक जासूस को दबोचा था, जो हनीट्रैप का शिकार होकर 2014 और 2018 में पाकिस्तान भी गया था। यहां आने के बाद उसने एयरपोर्ट, गोरखनाथ मंदिर सहित शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों को नक्शे पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को भेजे थे। इसी जांच के दौरान मुर्तजा का नाम भी सामने आया था। एटीएस उसे तभी से ट्रैक कर रही थी, लेकिन पुख्ता सबूत नहीं मिलने की जवह से टीम उसे दबोच नहीं सकी। अब उसने वारदात को अंजाम दे दिया। मुर्तजा के पिता ने भी यह खुलासा किया कि 2 अप्रैल को एटीएस वाले उसके घर मुर्तजा के बारे में पूछने गए थे। इसके बाद वो नेपाल भाग गया था।

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