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उत्तर प्रदेश

'जनज्वार इम्पैक्ट' : गोरखपुर के भूमाफिया पर चला चाबुक, बिल्डिंग ढहाने के लिए नपाई शुरू

Janjwar Desk
31 Jan 2021 2:30 PM IST
जनज्वार इम्पैक्ट : गोरखपुर के भूमाफिया पर चला चाबुक, बिल्डिंग ढहाने के लिए नपाई शुरू
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'जनज्वार' ने जब प्रशांत सिंह आरएसएस का पक्ष जानने के लिए उसे फ़ोन किया तो उसने घर को गिराए जाने की पुष्टि की। उसने यह भी बताया कि 7 फरवरी तक का उसे जीडीए की तरफ से घर का अवैध निर्माण गिरा लेने का अल्टीमेटम दिया गया है।
मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर में भूमाफियाओं का जबरदस्त ताना-बाना चल रहा है। यहां के थाना शाहपुर निवासी एक बाप बेटे की दबंगई के आगे अफसर अधिकारी तक सालों साल नतमस्तक रहे, जिसके चलते दोनों ने अवैध बिल्डिंगों का साम्राज्य खड़ा कर लिया।

'जनज्वार' पर खबर छपने के बाद इन दबंग बाप-बेटों पर सरकार का हंटर चल चुका है। ताजा अपडेट है कि इनका अवैध निर्माण ढहाने के लिए नाप-जोख शुरू कर दी गई है।

इस मामले में प्रशांत सिंह आरएसएस पुत्र मणिशंकर सिंह, मणिशंकर सिंह पुत्र बंश बहादुर सिंह, शारदा देवी पत्नी मणिशंकर निवासी शाहपुर ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर मैरिज हाउस, काम्प्लेक्स और अपना निवास स्थान बनवा लिया था। इस बात की शिकायत शाहपुर निवासी हरिश्चंद्र ने की थी, जिसके चलते मणिशंकर के दबंग पुत्र प्रशांत सिंह आरएसएस ने हरिश्चंद्र के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर खड़ी एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी थी, साथ ही हरिश्चंद्र को जान से मारने की धमकी दी गई थी।

उक्त मामले में पीड़ित की शिकायत के बाद थाना शाहपुर की पुलिस ने मुकदमा संख्या 27/2021 की धारा 147/427/436/504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था। फिलहाल रसूख के आगे दर्ज हुयव मुकदमे के बावजूद अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। प्रशांत सिंह आरएसएस खुद को भाजपा का नेता बताता है। इसके अलावा वह प्रतापगढ़ के राजा भैया की पार्टी का तथाकथित जिलाध्यक्ष भी है।

कल 30 जनवरी के एक सोशल मीडिया पर वीडियो में प्रशांत सिंह आरएसएस ने योगी आदित्यनाथ और राजा भैया का नाम लेकर राजनीति में भी उतरने की बात कह चुका है। उसने कहा कि वह औरों की तरह विधानसभा और लोकसभा जाना चाहता है।


इस सिलसिले में 'जनज्वार' ने जब प्रशांत सिंह आरएसएस का पक्ष जानने के लिए उसे फ़ोन किया तो उसने घर को गिराए जाने की पुष्टि की। उसने यह भी बताया कि 7 फरवरी तक का उसे जीडीए की तरफ से घर का अवैध निर्माण गिरा लेने का अल्टीमेटम दिया गया है। पूरी बातचीत के दौरान प्रशांत सिंह आरएसएस किसी शातिर क्रिमिनल की तरह बातें कर रहा था। उसने हमें बताया कि वह जब से नेता बना है तब से पूरे गोरखपुर की बुरी ताकतें उसके पीछे लग चुकी हैं। यह लोग उसका कैरियर बनने से पहले ही बिगाड़ देना चाहते हैं।

प्रशांत ने 'जनज्वार' संवाददाता से बात करते हुए बताया कि 17 जनवरी को जीडीए से उसके पास एक फ़ोन आया था कि तुम्हारे घर पर बुलडोजर आ रहा है। उसने कहा श्रीमानजी यह जगह उसकी नहीं है, लेकिन उसने अंडरटेबल जीडीए के अधिकारियों से वह जमीन ले ली थी।

हमने पूछा क्या आपके पास कागज हैं तो उसने कहा कि नहीं श्रीमान अंडरटेबल काम के पेपर कहां होते हैं। यहां प्रशांत खुद अंडरटेबल काम का मतलब घूस देकर अवैध कब्जे की बात कह रहा है, जिसका सीधा अर्थ है कि उसने गलत तरीके से यह सम्पति इस्तेमाल की जिसमें जीडीए के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही। इस बात की 'जनज्वार' के पास रिकॉर्डिंग भी है।

हमने उससे पूछा कि आप पर यह भी आरोप हैं कि अपने एक पड़ोसी के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर खड़ी एक बाइक में आग लगा दी। जिसके उत्तर में उसने किसी मंझे हुए नेता की तरह प्रत्यारोप लगाया, 'मैं अपने घर के बाहर खड़ा था, कुछ लोग मुझे जबरन एक गाड़ी में उठाकर ले गए।'

'वह लोग मुझे एक घर मे ले जाते हैं। वहां ले जाकर मुझे बेइंतहां मारा पीटा गया जिसके बाद वहां खड़ी एक बाइक में आग लगा दी गई। तुरंत पुलिस भी आ गई और मुकदमा लगवा दिया गया। मुझे सुबह पता चला कि वहां एक बाइक जल गई और मुझ पर व मेरे परिवार पर मुकदमा हो गया है। उसका मेडिकल तक नहीं होने दिया गया।'


यह सभी बातें सुनने के बाद और मौके व वहां आस-पड़ोस के लोगों की बातें सुनने समझने के बाद प्रशांत सिंह आरएसएस की एक भी बात गले से नीचे उतरने लायक नहीं थी।

रघुराज प्रताप सिंह और खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से नजदीकी दिखाने बताने वाले के साथ आखिर किसकी मजाल जो ये सब करे। फिलहाल सच जो जनज्वार को पता चला वह यह है कि जिसके घर का दरवाजा टूटा और बाइक जलाई गई वह बाप-बेटों के डर की वजह से घर मे नहीं रहता बल्कि और ही कहीं शरण लेकर जिंदगी काटने को मजबूर है।

अब इस मामले में देखना यह होगा कि क्या 7 फरवरी को अवैध निर्माण टूटता है, पीड़ित जिसकी जान प्रशांत आरएसएस के चलते खतरे में है उसे न्याय मिलता है? या फिर ये भी मामला यूपी की तमाम रसूखदार बंद हो चुकी फाइलों की तरह ही बंद कर दी जाएगी।

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