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कानपुर में गुंडाराज : बिकरू से लेकर कोचिंग मंडी तक विकास दुबे का रुतबा, उसके नाम से गुर्गे ढाते थे सितम
जनज्वार। कानपुर निवासी जय बाजपेई के अलावा काकादेव निवासी एक और खजांची एसटीएफ की रडार पर है। बताया जा रहा है कि इसने पनकी के एक पेट्रोल पंप में ,करोड़ों रुपये लगाकर 50 परसेंट की हिस्सेदारी ली थी। इसके अलावा उसने पनकी में ही चार करोड़ रुपये के आठ फ्लैट भी बेचे थे। इस सब में विकास का ही पैसा लगा था। यह शख्स पांच वर्ष पहले 10 हजार रुपये महीने की प्राइवेट नौकरी करता था, आज उसके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। विकास ने जय बाजपेई की तरह इसको भी अपना खजांची बना रखा था।
पंडीजी के नाम से माफ होती थी फीस
काकादेव स्थित कोचिंग मंडी में भी विकास की दहशत थी। विकास के गुर्गे छात्रों से खुद रुपये लेकर फ्री में एडमिशन कराते थे। एसटीएफ की जांच में इसका खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोचिंग मंडी भी विकास व उसके गुर्गों की कमाई का बड़ा जरिया था। 2.4 कोचिंग संचालक विकास के करीबी भी थे जो उसकी शह पर गुंडई करवाते थे। कोचिंग संचालकों से विकास की करीबी का खुलासा सीडीआर से हुआ है। यहां प्रभात व अमर दुबे वसूली करते थे।
खुद साधारण रहकर औरों को करवाता था एश
अकूत दौलत होने के बाद भी विकास दुबे का रहन-सहन बेहद साधारण था। लेकिन, वहीं उसका कामकाज देखने वाले गुर्गों को वह हर एक ऐशो आराम मुहैय्या करवाता था। एक सूत्र के मुताबिक उसके पैसों को इधर से उधर खपाने वाले जय बाजपेई व अन्य लोग विकास का 18 करोड़ रुपये दबाए हुए थे, जो उसकी मौत के बाद हजम होना स्वाभाविक है। जय बाजपेई से लगातार पूछताछ जारी है। इसके अलावा जय बाजपेई के भाई रजय को थाना बजरिया की पुलिस ने एस-10 टीम से अब तक नहीं हटाया है।
18 गांवों की 200 बीघा जमीन पर कब्जा
गैंगस्टर विकास दुबे ने अपनी दहशतगर्दी के चलते 18 गांवों की लगभग 200 बीघा जमीन पर कब्जा जमा रखा था। हर फसल की कटाई पर भी वो किसानों से रंगदारी वसूलता था। बिकरु सहित अन्य आस पड़ोस के निवासियों ने पुलिस व एसटीएफ को बताया कि विकास के डर से वह लोग मनमाफिक फसल तक नहीं बोते थे। जो विकास कहता वह करना पड़ता था। उसने कई लोगों की जमीनें जबरन लिखवा ली या फिर सीधे-सीधे कब्जा ही कर लिया।
जंगल कटवाकर बनवा रहा था फार्म हाउस
विकास दुबे गांव की जमीनों पर कब्जे के साथ ही गांव के बाहर पड़ी सरकारी जंगल की 100 बीघा जमीन पर अपना फार्म हाउस बनाने की फिराक में था। वहां बरामद जेसीबी मशीन से जंगल के पेड़ पौधे कटवाए जाने का काम चल रहा था। यह खुलासा पुलिसिया जांच में हुआ है। पुलिस के मुताबिक गांव के बाहर शिवली की तरफ कई किलोमीटर में जंगल है, जिसमें विकास जेसीबी लगाकर साफ करवाने में जुटा था। लेकिन एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल यह सब देखते रहे।
'बिकरू होता तो जिंदा जलवा देता'
उज्जैन से गिरफ्तार विकास को जब पुलिस ने हथकड़ी पहनाई तो उसने बेखौफ अंदाज में पुलिस से कहा, अगर तुम बिकरू में ऐसा करते तो जिंदा फूँकवा देता। यह सुनकर सभी हैरान रह गए थे। गिरफ्तारी में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक गिरफ्तारी देने के बाद वह बेफिक्र थ, क्योंकि उसे यकीन था कि वह मारा नहीं जाएगा। कुछ भी पूछने पर वह पुलिसवालों से लगातार पूरे रास्ते अभद्रता कर रहा था।
पुलिस ने बरामद किए लूटे गए हथियार
उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि बिकरू गांव के रहने वाले आरोपी शशिकांत पर 50 हजार रुपये का इनाम था, उसे कल रात कानपुर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद उसने खुलासा किया था कि पुलिस से लूटे गए सभी हथियार विकास दुबे के घर सहित एक दूसरे आरोपी के पास छिपाए गए थे। पुलिस ने कहा कि हमने आज सुबह छापेमारी करके पुलिसकर्मियों से लूटे गए हथियारों को बरामद कर लिया है।