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Gyanvapi Masjid Dispute : वाराणसी की अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया, 2 दिन में दोनों कोर्ट कमिश्नर देंगे रिपोर्ट
SC में सुनवाई जारी, जस्टिस चंद्रचूड़ बोले - जिला जज अपने हिसाब से करें सुनवाई, हम उन्हें आदेश नहीं दे सकते
Gyanvapi Masjid Dispute : बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi masjid controversy ) में स्थानीय अदालत का फैसला आ गया है। ताजा फैसले में बनारस कोर्ट ( Varanasi Court ) ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ( Court Commissioner Ajay Mishra ) को हटा दिया है। अदालत ने कहा कि बाकी दोनों कोर्ट कमिश्नर दो दिन में रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करेंगे। कोर्ट कमिश्नर के करीबियों पर खबर लीक करने का आरोप लगा है।
कोर्ट कमिश्नर मिश्रा को माना गैर जिम्मेदार
बनारस सिविल कोर्ट ( Varanasi civil court ) ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के रवैये को गैर जिम्मेदाराना माना है। कोर्ट ने माना कि अजय मिश्रा ने प्राइवेट कैमरामैन को रखकर मीडिया को बराबर जानकारियां लीक की। यानि कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने पारदर्शिता नहीं बरती और तमाम गंभीर बातें लीक की। विशाल और अजय प्रताप सिंह कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे।सिविल कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सौंपने के लिए 2 दिन की मोहलत दी है।
सुप्रीम कोर्ट में निचली अदालत के फैसले पर लगे रोक
दूसरी तरफ इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) में मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुनवाई की जा जारी है। इस मामले में मुस्लिम पक्षकारों ने सुनवाई के दौरान निचली अदालत के फैसलों पर रोक की मांग की है।
मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दर्ज कराने के लिए मिला एक दिन
सिविल कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक दिन की मोहलत दे दी है। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। कोर्ट ने बाक़ी दो अर्जियों पर यानि शौचालय, पानी की पाइप और मछलियों के स्थानांतरण और शिवलिंग की ऊंचाई, लंबाई नापने वाली याचिका पर बाद में सुनवाई होगी। शिवलिंग की पैमाइश के मसले पर मुस्लिम पक्ष से आपत्ति मांगी गई है। जबकि टॉयलेट औऱ पानी के पाइप आदि को लेकर हिंदू पक्ष से आपत्ति मांगी गई है।
नमाज पढ़ने पर कोई रोक नहीं
Gyanvapi Masjid Dispute : वहीं सुप्रीम कोर्ट सभी पक्षों को इस मामले में नोटिस जारी करेगा। ज्ञानवापी मस्जिद के शिवलिंग और वजूखाने वाली जगह को सुरक्षित रखने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को आदेश दियाहै कि वहां पर लोगों को नमाज पढ़ने दिया जाए। नमाज पर रोक नहीं लगाई जाए।
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