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हाथरस रेप केस : पूर्व IPS अधिकारी ने कहा- अंग्रेजों के नक्शेकदम पर यूपी पुलिस
रात के अंधेरे में पुलिस के घेर में हाथरस पीड़ित के अंतिम संस्कार की तसवीर।
जनज्वार। उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस मामले में 19 वर्षीय लड़की से कथित गैंगरेप और फिर मौत के मामले में प्रशासन और पुलिस व्यवस्था की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाने लगे है। इस पुलिसिया कार्रवाई पर पूर्व IPS अधिकारी एनसी अस्थाना ने भी सवाल उठाए हैं।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर अस्थाना ने लिखा कि 'सफदरजंग में पोस्टमार्टम हुआ या उसमें भी धांधली करवा दी? परिवार का दूसरे पोस्टमार्टम की मांग करने का अधिकार भी छीन लिया?'
उन्होंने लिखा, 'हाथरस केस. पुलिस ने गिरफ्तारी कर ली थी, ठीक है। लेकिन लाश जबरन जलवा दी, ये सरासर बदमाशी है। सफदरजंग में पोस्टमार्टम हुआ या उसमें भी धांधली करवा दी? परिवार का दूसरे पोस्टमार्टम की मांग करने का अधिकार भी छीन लिया? संवेदनहीनता एक चीज है, केस को जानबूझ कर कमजोर करना अलग चीज।
पूर्व IPS अधिकारी ने लिखा कि 'पूरे प्रशासनिक तंत्र की सारी कोशिश यह साबित करने की है कि हाथरस कांड कोई गंभीर घटना नहीं है। ऐसा होता रहता है।
लाशें चुपके से जलवा देना इस महान संस्कारी देश की पुरानी परंपरा है। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शव भी चुपके से रात के अंधेरे में जला कर राख को सतलज में बहा दिया था। यूपी पुलिस ने उसी गर्हित परंपरा का निर्वाह किया है। जन आक्रोश से इतना डरते हो? पाप न किया होता तो साहस होता।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (1986-2019) (@NcAsthana) September 30, 2020
पूरे प्रशासनिक तंत्र की सारी कोशिश यह साबित करने की है कि हाथरस कांड कोई गंभीर घटना नहीं है। ऐसा होता रहता है। ये लोग कैसे अपने ज़मीर को इस क़दर मार लेते है? क्या आत्मा कभी नहीं कचोटती कि मालिक द्वारा फेंके गये चंद टुकड़ों के लिये पाप करने को सहर्ष तैयार रहते हैं? ज़ोंबी हैं क्या
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (1986-2019) (@NcAsthana) September 30, 2020
हाथरस केस। पुलिस ने गिरफ्तारी कर ली थी, ठीक है। लेकिन लाश जबरी जलवा दी, ये सरासर बदमाशी है। सफदरजंग में पोस्टमार्टम हुआ या उसमें भी धांधली करवा दी? परिवार का दूसरे पोस्टमार्टम की मांग करने का अधिकार भी छीन लिया?संवेदनहीनता एक चीज है, केस को जानबूझ कर कमजोर करना अलग चीज।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (1986-2019) (@NcAsthana) September 30, 2020
ये लोग कैसे अपने ज़मीर को इस क़दर मार लेते है? क्या आत्मा कभी नहीं कचोटती कि मालिक द्वारा फेंके गये चंद टुकड़ों के लिये पाप करने को सहर्ष तैयार रहते हैं? ज़ोंबी हैं क्या?' पीड़िता का शव परिजनों को ना दिए जाने और पुलिस द्वारा जबरन जलाने के मामले पर अस्थाना ने लिखा- 'लाशें चुपके से जलवा देना इस महान संस्कारी देश की पुरानी परंपरा है।
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शव भी चुपके से रात के अंधेरे में जला कर राख को सतलज में बहा दिया था। यूपी पुलिस ने उसी गर्हित परंपरा का निर्वाह किया है। जन आक्रोश से इतना डरते हो? पाप न किया होता तो साहस होता।