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हाथरस गैंगरेप केस: सामने आया योगी की पुलिस का शर्मनाक बयान, पीड़ित परिवार को कहा-गलती मानिए
जनज्वार। हाथरस गैंगरेप पीड़िता से जीते-जी इस दुनिया ने हर खुशी तो छीन ही ली थी, लेकिन सुकून से मरने और परंपरा अनुसार अंतिम विदाई मिलने का हक भी उसे ना मिला। पुलिसवालों का पत्थर दिल हर किसी ने कल रात देख लिया।
भाई आखिरी बार बहन को देखना चाहता था, परिवारवाले कहते रहें कि उन्हें बेटी का अंतिम संस्कार कम से कम पूरे रीतिरिवाज के साथ करने का मौका दे दें, लेकिन कठोर दिल पुलिस वालों ने उनकी एक ना सुनी और परिवार वालों को घर में जबरन लाठी का डर दिखाकर बंद कर दिया।
परिवार वालें चीखते रहे कि हमें बेटी का अंतिम संस्कार करने दो सुबह तक का इंतजार कर लो, लेकिन जिद्द पर अड़े अफसरों ने जबरन ही पीड़िता का रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार वालों को समझाते हुए पुलिसवालों ने कहा कि रीतिरिवाज समय के अनुसार बदलता रहता है और ऐसे वक्त में जब परिवार वालों को हौंसले की जरुरत थी, तब पुलिसवालों ने कहा कि उन्हें इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि इसमें परिवारवालों से गलती हुई है। सोचिए आप ऐसी शर्मनाक पुलिस से क्या अम्मीद करेंगे, जो मां-बाप की लाडली, जिसको दरिंदों ने मार डाला उनसे कह रही है कि आप मानिए कि आप लोगों से ही गलती हुई है।
HAPPENING NOW — #Hathras rape victim's body has reached her native village, Boolgarhi in Hathras, where the horrific incident took place. SP, DM, Joint Magistrate all here accompanying the family. My camera person Wakar and I will get you all the updates all through the night pic.twitter.com/VxEWDVVpsU
— Tanushree Pandey (@TanushreePande) September 29, 2020
परिवारवालों पर उनकी बेटी की अंतिम विदाई जबरदस्ती थोपी गई थी, पहले पुलिस परिवार वालों के कहने पर शिकायत दर्ज करने को तैयार नहीं थी, बाद में जैसे तैसे उन्होंने शिकायत दर्ज की और 4 दोषियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस की पुरी टीम आधी रात को शव लेकर पीड़िता के गांव पहुंची थी, गांव में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी अफसर मौजूद थे, लेकिन इस बात की जहमत किसी भी एक अफसर नहीं उठाई कि वो इस बात का जवाब दे सकें कि रात के अंधेरे में आखिर क्यों किया गया अंतिम संस्कार।
पुलिस का अमानविय चेहरा हर किसी ने देखा और इसी के चलते पुलिस का जमकर विरोध भी किया जा रहा है। गौरतलब है कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'खामोशी' पर सवाल उठाया है।
राहुल गांधी ने तो यूपी में एक वर्ग विशेष का जंगलराज होने का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, भीम आर्मी जैसे समेत तमाम राजनीतिक दल और संगठन बीजेपी सरकार के खिलाफ आक्रामक हैं।
भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 30, 2020
ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है।#HathrasHorrorShocksIndia pic.twitter.com/SusyKV6CfE
इस मसले पर यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है और विपक्ष लगातार सवाल दाग रहा है, साथ ही सोशल मीडिया पर ये मसला बड़ा होता जा रहा है, जहां लोग पुलिस के एक्शन पर सवाल उठा रहे हैं।