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उत्तर प्रदेश

हाथरस गैंगरेप : पुलिस ने जो सच छुपाने को जलाई थी लाश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दिए सारे राज

Janjwar Desk
1 Oct 2020 9:34 AM IST
हाथरस गैंगरेप : पुलिस ने जो सच छुपाने को जलाई थी लाश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दिए सारे राज
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बिटिया के पिता से बात की। पिता की एक ही रट थी कि न्याय मिल भी जाए तो अब किस काम आएगा...

जनज्वार, हाथरस। हाथरस की बेटी के साथ हुई हैवानियत से पूरा देश गुस्से में है। शोसल मीडिया में पीड़िता के दर्द को तस्वीरों के साथ बयां किया जा रहा है। दिल्ली से लेकर यूपी तक गम और आक्रोश सड़कों पर है। आरोपियों के फांसी देने की मांग उठाई जा रही है तो कई लोग गोली मारने की बात कर रहे हैं। दिल्ली सहित पूरी यूपी में लोगों ने प्रदर्शन किया तो हाथरस में बेकाबू लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। सब तरफ गुस्सा एक ही बात पर था कि अंतिम संस्कार रात को क्यों कर दिया गया?

सफदरजंग अस्पताल के फारेंसिक विभाग ने दरिंदगी की शिकार हुई हाथरस कि बेटी की फारोंसिक रिपोर्ट बुधवार देर शाम पुलिस को सौंप दी। डॉक्टरों ने यह रिपोर्ट सेक्टर 20 नोएडा के इंस्पेक्टर आरके सिंह को सीलबंद लिफाफे में सौंपी। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि युवती की गर्दन सहित शरीर में कई जगह फ्रैक्चर था। साथ ही स्पाईन को गर्दन से जोड़ने वाली रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर निकला है।

फारेंसिक विभाग ने गैंगरेप पीड़िता का विसरा भी सुरक्षित रख लिया है। इसको साथ ही नाखून और वेजाइनल स्वैब को भी सुरक्षित रखा गया है। हालांकि सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर व पुलिस अफसर पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर जादा कुछ नहीं बोले। लेकिन सफदरजंग अस्पताल के विशेषज्ञों का कहना है कि जब युवती को भर्ती करवाया गया तब उसकी हालत बेहद गम्भीर थी। उसका ब्लडप्रेशर भी लो था।

एक विशेषज्ञ की अगर माने तो गैंगरेप की पुष्टि तब होती जब 15 दिन के भीतर ही दुष्कर्म की जांच करवाई जाती। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के एक मेडिकल बोर्ड ने किया है। बोर्ड ने फारेंसिक विभाग को रिपोर्ट दी जिसके बाद विभाग ने यूपी पुलिस को बुधवार रात रिपोर्ट सौंप दी।

गैंगरेप पीड़िता के गांव चंदपा से लेकर पूरा हाथरस बुधवार को आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आया। गुस्साए लोगों ने पुलिस के कई वाहन तोड़ दिए। कई एक निजी वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। काफी देर तक अराजकता फैली रही। हाथरस में दोपहर को ही आधे से जादा शहर का बाजार बंद कर दिया गया था। स्थिति पर नियंत्रण पाने में पुलिस के पसीने छूट गए। मृतक पीड़िता की भाभी ने डीएम को दौड़ा लिया जिससे कलेक्टर ने भागकर अपनी जान बचाई।

पिता बोले बेटी को आखिरी समय देख ना पाने का मलाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बिटिया के पिता से बात की। पिता की एक ही रट थी कि अगर न्याय मिल भी जाए तो अब उनके किस काम आएगा। बिटिया का चेहरा तक नहीं देखने दिया गया। उनका कहना है कि जिसने यह कुकर्म किया है सख्त से सख्त सजा मिले। मुख्यमंत्री ने कठोर सजा के लिए आश्वस्त किया है।

एम्स के लिए निकली सफदरजंग कैसे पहुँची

तमाम सवाल ऐसे हैं जो हाथरस गैंगरेप पीड़िता दलित बिटिया की मौत से पहले इलाज में की गई लापरवाही की तरफ इशारा कर रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब बिटिया को एम्स के लिए रिफर किया गया था तो वो सफदरजंग कैसे पहुँच गई। तो वहीं अस्पताल प्रशासन ने उसे तीन दिन पहले ही एम्स ले जाने का सुझाव दिया था फिर उसे तीन दिन बाद क्यों ले जाया गया?

लाश जलती रही पुलिस हंसती रही

पुलिस की बेशर्मी का आलम इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब आधी रात को बिटिया की लाश जबरन जलाई जा रही थी तो कुछ पुलिसकर्मी जे वहां मौजूद थे वो हंस रहे थे। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां मौजूद पुलिसकर्मी हंसते हुए दिखाई दे रहे थे। खाखी के तमाम कुत्सित चेहरे शोसल मीडिया में हंसते खिलखिलाते हुए तैर रहे थे, मानो उनने कोई जंग जीत ली हो।

सोनिया से लेकर अखिलेश तक ने उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को हाथरस की घटना को लेकर योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार पर सवाल उठाए। उन्होने कहा की हाथरस की बिटिया की मृत्यु नहीं हुई है बल्कि उसे मारा गया है। एक निष्ठुर सरकार, उसके प्रसासन और उसकी उपेक्षा से यह सब हुआ है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार और येगी आदित्यनाथ की लीपापोती रही है मामले में। योगी आदित्यनाथ से ना प्रदेश सम्हल रहा और ना ही उनकी पुलिस।

अब आगे क्या होगा

हालांकि दुष्कर्म का मामला 2 सप्ताह पुराना है। लेकिन मामले ने मंगलवार से तूल पकड़ लिया है। राज्य सरकार को किसी भी तरह से मामले को शांत करने का निर्देश दिया गया है। डैमेज कन्ट्रोल का रणनीति बनाने को कहा गया है। जिसके बाद आनन-फानन में मकान देने से लेकर परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा रूपये कि रकम 10 से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है। माना जा रहा है कि जल्दी ही सरकार को स्थानिय प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई भरा कदम उठाना पड़ेगा। क्योंकि उपचुनाव भी सिर पर हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी किसी भी प्रकार का जोखिम वो भी भाजपा कतई नहीं लेना चाहेगी।

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