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उत्तर प्रदेश

हाथरस गैंगरेप : यूपी पुलिस और यूपी सरकार को NHRC ने थमाया नोटिस, जिले में धारा 144 लागू

Janjwar Desk
1 Oct 2020 11:29 AM IST
हाथरस गैंगरेप : यूपी पुलिस और यूपी सरकार को NHRC ने थमाया नोटिस, जिले में धारा 144 लागू
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हाथरस पीड़िता के परिजनों से बात करते हुए।

अब नेताओं के आवागमन को देखते हुए पूरे हाथरस में कर्फ्यू जैसा माहौल कर दिया गया है। इसके बाद सपा के कुछ पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि जब भाजपा के नेता घर तक जा सकते हैं तो वो सभी क्यों नहीं जा सकते?

जनज्वार, हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में चंदपा की 19 वर्षीय बेटी के साथ हुई हैवानियत से देश में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में नेशनल ह्यूमन राईट कमीशन ने यूपी सरकार और यूपी पुलिस को नोटिस थमा दिया है, तो वहीं अब पूरे हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गई है।

ताजा इनपुट के मुताबिक आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व राहुल गांधी पीड़िता के परिजनों से मिलने हाथरस जा सकते हैं। इससे पहले पूरे हाथरस में धारा 144 लागू कर दी गई है। अभी तक जो जानकारियां निकल कर सामने आ रहीं थीं वो ये कि घटनास्थल के दायरे वाले एक किलोमीटर के क्षेत्रफल को पुलिस ने अभी तक ब्लॉक कर रखा था, वहीं अब नेताओं के आवागमन को देखते हुए पूरे हाथरस में कर्फ्यू जैसा माहौल कर दिया गया है। इसके बाद सपा के कुछ पदाधिकारियों ने सवाल उठाया है कि जब भाजपा के नेता घर तक जा सकते हैं तो वो सभी क्यों नहीं जा सकते?

सफाईकर्मियों ने बिटिया की मौत पर की स्ट्राइक

हाथरस से इनपुट यह भी आ रहे हैं कि चंदपा में हुई दर्दनाक नृशंसता के बाद जिले के सभी सफाईकर्मियों ने काम ठप्प कर दिया है। सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल करने के बाद नगर पालिका परिसर में धरने पर बैठ गए। धीरे-धीरे धरना धरना एक शोकसभा में बदल गया, बिटिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इन कर्मचारियोें ने बिटिया के दुष्कर्मियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की। उसके बाद नगरपालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा वहां आ गए। उन्होंने भी इस घटना की घोर निंदा की। नगरपालिकाध्यक्ष ने कहा कि वह पीड़ित परिवार व समस्त वाल्मीकि समाज के साथ खड़े हैं।

ये था घटनाक्रम

गौरतलब है कि हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में युवती की 14 सितंबर को नृशंसता से हत्या कर दी गई थी। इस मामले के बाद पुलिस ने तमाम हीलाहवाली बरती। शहर के एक अस्पताल में उसका इलाज चलता रहा। जहाँ इलाज चल रहा था वहाँ के डॉक्टरों ने कहा भी कि लड़की को इम्स लेकर जाइये, लेकिन पुलिस जागी तीन दिन बाद। तीन दिन बाद लड़की को दिल्ली लेकर तो गए पर उसे एम्स में दाखिल ना करवाकर सफदरजंग के अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।

इलाज के दौरान सोमवार 28 सितंबर को लड़की की मौत हो गई। आखिरी वक्त तक हाथरस की बिटिया ने जिंदगी और मौत से खूब लड़ाई लड़ी पर हार गई। मंगलवार देर रात लड़की के शव को लगभग एक बजे एम्बुलेंस हाथरस लेकर पहुँची तो प्रशासन ने पूरा गाँव घेर रखा था। परिजनों को घर में बन्द करके लड़की की लाश को रात तीन बजो एक खेत में जला दिया जाता है। घर वाले गिड़गिड़ाते रहते हैं जबकि पुलिस वाले खड़े तानाशाही करती रहती है।

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