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हाथरस पीड़िता की दस दिन बाद भी नहीं रूकी थी ब्लीडिंग, भाई ने बयां किया बहन का दर्द
हाथरस पीड़िता के शव को लेकर पहुंची एंबुलेंस के सामने पुलिस की मौजूदगी में विरोध जताते परिजन।
जनज्वार, हाथरस। उतर प्रदेश में कानून का राज एक बार फिर बेशर्मी की सीमाओं को लांघ गया। हाथरस जिले में कथित गैंगरेप की शिकार दलित पीड़िता की मौत से हाथरस सहित देशभर में उबाल है। मंगलवार रात लगभग 2 बजे भारी सुरक्षा के बीच लड़की का शव गांव पहुंचा। ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार के लिए इंकार किया, लेकिन पुलिस ने विरोध के बावजूद पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया। तनाव भरा माहौल देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है।
इसी दौरान पीड़िता के भाई ने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए हैं। पीड़िता के भाई का कहना है कि पुलिस ने घोर लापरवाही के अलावा कुछ नहीं दिखाया। एक चैनल से बात करते हुए पीड़िता के भाई ने कहा कि वारदात के बाद मेरी बहन बेहोश और खून से लथपथ जमीन पर पड़ी हुई थी। फिर भी पुलिसवालों ने एंबुलेंस नहीं मंगाई। पुलिसवालों ने कहा यह बहाना बनाकर लेटी है इसे यहां से ले जाओ।
मृतक पीड़िता के भाई ने चैनल से बातचीत में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 से 15 दिन तक तो दीदी की ब्लीडिंग रुकी तक नहीं थी। 22 सितंबर के बाद उन्हें अच्छा इलाज मिलना शुरू हुआ। लेकिन उनके साथ लापरवाही बरती गई। ठीक से इलाज नहीं दिया गया। मृतका के भाई ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर लिखने में ही 8.10 का समय लगा दिया था। दबाव के बाद जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की, तो एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी।
तमाम धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई में तेजी लाई तो गई लेकिन सभी आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया। पीड़िता के भाई ने कहा, सरकार घटना पर कुछ भी नहीं बोली है। न ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ बोला है। उसने कहा हमें यूपी सरकार से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं है। परिजनों ने गुनहगारों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। लेकिन योगी सरकार ने परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।
हाथरस के थाना चंदपा में 14 सितंबर को 19 साल की दलित युवती के साथ गांव के रहने वाले चार दबंग युवकों ने कथित रूप से गैंगरेप किया था। पुलिस के मुताबिक घटना की सुबहॊ लड़की, अपने बड़े भाई और मां के साथ जंगल में घास काटने गई थी। बड़ा भाई घास की गठरी लेकर चला गया। तथा मां कुछ दूर आगे घास काट रही थी। इसी दौरान चार लड़के पीछे से आए और लड़की का मुंह दबा दिया फिर दुपट्टे से उसे खींचते हुए खेत में लेकर गए तथा हैवानियत की। आरोपियों की पहचान गांव के ही रहने वाले संदीप, लवकुश, रामू और रवि के रूप में हुई, जिन्हें अब जाकर गिरफ्तार किया गया है।
परिजनों का आरोप है कि 14 सितंबर को चार युवकों ने गैंगरेप के बाद 19 साल की पीड़िता की जीभ काट दी तथा उसकी गर्दन के पिछले हिस्से की हड्डी तोड़ दी थी। इस कारण वह बोल भी नहीं पा रही थी। इस हैवानियत के कारण 15 दिन तक लड़की सिर्फ इशारे से ही परिजनों को अपना दर्द समझाती रही। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस मामले पर विपक्ष से लेकर सेलिब्रिटी तक सब गुस्से में हैं।