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हाथरस कांड: यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया हलफनामा, कोर्ट CBI जांच की करे मॉनिटरिंग
जनज्वार। हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है। शपथ पत्र में पीड़ित परिवार और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये सीबीआई जांच की निगरानी शीर्ष अदालत से करने का अनुरोध किया गया है, जिससे कि छानबीन समयबद्ध तरीके से हो पाये। सीबीआई ने मामले की जांच 13 अक्टूबर से शुरू कर दी है।
अदालत में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गृह विभाग के विशेष सचिव की तरफ से पेश किए गए हलफनामा में कहा गया है कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है। इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। साथ ही गांव की सीमा पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं। पीड़ित परिवार की ओर से अधिवक्ता सीमा कुशवाहा मुकदमे की पैरवी कर रही हैं।
अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने बताया है कि पीड़ित परिवार के घर के प्रवेश द्वार पर दो सब इंस्पेक्टर तैनात किये गये हैं। घर के बाहर करीब 15 पीएसी जवान का कैंप है। इलाके के थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर को इस पूरे इंतजाम का जिम्मा दिया गया है और वह उस पर नजर रख रहे हैं।
इसके अलावा अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई है कि सीबीआई को निर्देश दिया जाये कि वह हर 15 दिन में अपनी स्थिति रिपोर्ट राज्य सरकार को दें। जिससे कि राज्य के डीजीपी अदालत को छानबीन के बारे में अवगत करा सकें।
बता दें कि 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के क्या इंतजाम किये गए हैं? क्या पीड़ित परिवार के पास पैरवी के लिए कोई वकील है? और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमे की क्या स्थिति है?
मालूम हो कि हाथरस कांड की पीड़िता की पिछले महीने दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद आनन-फानन में हाथरस प्रशासन ने पीड़िता का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में कर दिया था।