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हाथरस गैंगरेप : पीड़िता की भाभी का आरोप, परिवार को धमका रहे डीएम-बना रहे दबाव
हाथरस। यूपी के हाथरस चंदपा गाँव की पीड़िता की भाभी ने डीएम पर तमाम आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हाथरस डीएम उनके परिवार को धमका रहे हैं तथा दबाव बना रहे हैं। जब उन्होने बयान बदलने के लिए मना किया तो उन्होने धमकी भरे लहजे में परिजनो को घाटे में रहने की बात कह रहे हैं।
दरअसल अभी थोडी देर पहले दो वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें एक में मृतक पीड़िता की भाभी है, जो डीएम पर आरोप लगा रही है। तथा दूसरी वीडियो में खुद डीएम हाथरस प्रवीण कुमार लक्षकार पीड़िता के पिता के साथ खटिया पर बैठकर बातचीत कर रहा है। वह पीड़िता के पिता को समझा रहा है कि वह मीडिया पर भरोसा न करे। वह लोग आज हैं कल चले जाएंगे, हमें तुम्हें यहीं रहना है।
दूसरी वीडियो में पीड़िता की भाभी डीेम पर जो आरोप लगा रही है कि डीएम प्रवीण लक्षकार उन्हें व उनके परिवार वालों से बयान बदल लेने का दबाव बना रहे हैं। उसने कहा कि डीएम कह रहे लहैं कि रपैसे मिल रहे नौकरी मकान सब मिल रहा है। बयान बदल लो कुछ दिन में केस रफा दफा हो जाएगा। कोई फायदा नहीं है मीडिया में या इधर उधर कुछ भी बोलने बताने से।
साथ ही पीड़िता की भाभी का कहना है कि डीएम प्रवीण कुमार लक्ष चालबाजी कर रहे हैं। वह हम सभी को लगातार धमकी दे रहे हैं। वह हमें गाँव में रहने नहीं देना चाहते हैं। वह हमें यहाँ से भगा देना चाहते हैं। हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौतम के बाद उसकी लाश को जलवाए जाने से परिवार पर अधिक ही संकट आ चुका है। सरकार व प्रशासन लगातार परिवार को धमकिया दे रहा है।
इससे पहले मीडिया में पीड़िता के पिता का हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र वायरल हो चुका है। जो आज ही दोपहर को वायरल हुआ था। पत्र मुख्यमंत्री द्वारा परिवार से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के सम्बंध में था। पत्र में टाईप कर एक लेटर था जिसमें कहा गया कि पीड़िता के पिता को सरकार पर पूरा भरोसा है। सरकार के न्याय व निर्णय पर हमें विश्वास है। आगे लिखा था हम सरकार की की जा रही कार्रवाई से संतुष्ट हैं।
जनज्वार इस वायरल पत्र की पुष्टी नहीं करता। क्योंकि परिवार सदमें में है, वह घर से निकल नहीं रहा। पुलिस द्वारा घर के किसी भी सदस्य को कहीं भी आने जाने की मनाही है। ऐसे में पत्र टाईप किया हुआ था। जो परिवार इन हालातों में टाईप नहीं करवा सकता है। हाथ से लिखा होता तो बात अलग थी। हां पत्र असली एक सूरत पर हो सकता है वो तब जब सरकार ने पहले से ही टाईप करवाकर भिजवाया हो और पिड़ीत के पिता से उसपर साईन लिए गए हों।