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उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद में छेड़खानी का विरोध करने पर अपराधियों की गोली के शिकार हुए पत्रकार विक्रम जोशी की मौत

Janjwar Desk
22 July 2020 4:48 AM GMT
गाजियाबाद में छेड़खानी का विरोध करने पर अपराधियों की गोली के शिकार हुए पत्रकार विक्रम जोशी की मौत
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पत्रकार विक्रम जोशी ने अपनी भांजी के साथ छेड़खानी के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी थी, पुलिस ने कार्रवाई करने में लापरवाही की और अपराधियों ने उनकी जान ले ली...

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकारों की गोली के शिकार बने पत्रकार विक्रम जोशी की बुधवार (22 July 2020) सुबह मौत हो गई। विक्रम जोशी को अपराधियों ने पुलिस थाने में उनके द्वारा भांजी के साथ छेड़खानी किए जाने की शिकायत के बाद गोली मारी। जिन अपराधियों के खिलाफ उन्होंने शिकायत की थी उन्हीं लोगों ने गाजियाबाद के विजय नगर में उनके घर के पास 20 जुलाई को उन्हें गोली मारी थी। उस वक्त उनकी बेटी पास में ही थी।

विक्रम जोशी की मौत की पुष्टि डाॅक्टर ने बुधवार को सुबह की। इलाज कर रहे डाॅक्टर के अनुसार, उनके मस्तिष्क में गोली लगने से अंदरूनी भाग गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उन्होंने विजयनगर पुलिस थाने में अपनी भांजी के साथ कुछ युवकों द्वारा छेड़खानी किए जाने की शिकायत की थी, इसके बाद उनको गोली मार दी गई।

इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। इस मामले में 10 आरोपी बनाए गए हैं। तीन गिर्तार किए गए हैं, छह हिरासत में है। हालांकि घटना का मुख्य आरोपी फरार है। वहीं, इस मामले में पुलिस पर लगाए गए निष्क्रियता बरतने के आरोप के बाद प्रतापनगर चौकी प्रभारी राघवेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।

पत्रकार के भाई के अंकित जोशी ने कहा है कि उनकी भांजी के साथ कुछ लोग छेड़खानी कर रहे थे, जिसके बाद उनके भाई ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी थी, इसके बाद उनलोगों ने उन्हें गोली मार दी।

विक्रम जोशी एक अखबार के पत्रकार थे। उनकी मौत की सूचना के बाद बड़ी संख्या में परिजन, मीडियाकर्मी आदि अस्पताल में जमा हो गए। परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई व मुख्य आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। इस मामले की जांच सीओ सिटी प्रथम राकेश मिश्रा को सौंपी गई है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विक्रम जोशी हत्या मामले में ट्वीट कर दुःख जताया है और योगी सरकार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले में ट्वीट कर पूछा है कि अपराधियों-बदमाशों के हौसले किसके बल-बूते फल-फूल रहे हैं।


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