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उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार में जाति देखकर मिलता है न्याय : संजय सिंह

Janjwar Desk
20 Oct 2020 5:34 PM GMT
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार में जाति देखकर मिलता है न्याय : संजय सिंह
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File photo

सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों की घटनाएं दिल दहलाने वाली हैं, राज्य में बच्चियों के साथ हैवानियत हो रही है, वहीं प्रदेश की भाजपा की सरकार में जातियों को देखकर न्याय हो रहा है....

जनज्वार। आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रदेश की योगी सरकार पर जाति देखकर न्याय करने का आरोप लगाया है। संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी की सोच है कि 24 करोड़ जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में जातियों का नहीं जनता का राज हो। उन्होंने प्रदेश में कोरोनाकाल में भ्रष्टाचार की बात कहते हुए कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को पर निशाना साधा।

सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों की घटनाएं दिल दहलाने वाली हैं। राज्य में बच्चियों के साथ हैवानियत हो रही है। वहीं प्रदेश की भाजपा की सरकार में जातियों को देखकर न्याय हो रहा है। प्रदेश में आम आदमी को जातियों की नहीं जनता की सरकार चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में दरिंदगी की पराकाष्ठा वाली घटनाएं हो रही हैं। हाथरस, बलरामपुर, बलिया में शर्मनाक घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के बाद सरकार की भूमिका भी काफी शर्मनाक रही है। दुष्कर्मियों की जाति देखी जा रही है, हत्यारों की जाति देखी जा रही, यहां तक कि गुंडे और माफिया की जाति देखी जा रही है।

उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया कि हाथरस कांड में दुष्कर्मियों के साथ राज्य सरकार खड़ी रही। बलिया में हत्यारे बीजेपी नेता के साथ सरकार खड़ी रही। भाजपा का स्थानीय विधायक भी उनलोगों के साथ खड़ा रहा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी को जातियों की नहीं जनता की सरकार चाहिए। कोरोना घोटाले को लेकर गठित की गई एसआईटी दिखावा मात्र है। उन्होंने मांग उठाई कि कोरोना घोटाले की जांच सीबीआई के हवाले की जाए, चूंकि सरकार खुद इस घोटाले में शामिल है।

पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने एक काला कानून पास किया है। इस काले कानून में असीमित भंडारण की छूट दी गई है। अडानी, अंबानी और पूंजीपति अनाज खरीद कर इसका असीमित भंडारण करेंगे और कमी होने पर मुंह मांगे दाम पर बेचेंगे। इससे महंगाई कालाबाजारी और जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।

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