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बिकरू वाला गैंगस्टर अमर दुबे था खुशी का ड्रीम बॉय, सोशल मीडिया पर हुआ प्यार, हथियारों वाली तस्वीरों की थी फैन
file photo
कानपुर। कानपुर के चर्चित बिकरू कांड एनकाउंटर में मारे गए दहशतगर्द विकास दुबे (Vikas Dubey) के खास गुर्गे अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी खुशी को लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। पहले सामने आया था कि खुशी (Khushi Dubey) नाबालिग है। इसके बाद मामले की जांच कर रही कानपुर पुलिस ने दावा किया है कि खुशी को पता था कि अमर दुबे बदमाश है। वह अपने साथ असलहे रखता है। अमर की दबंगई उसको पसंद थी, इसलिए उसने अमर से शादी की थी।
पुलिस ने इस खुलासे के बाद तमाम तथ्यों को विवेचना में भी शामिल कर लिया है। बिकरू कांड से ठीक तीन दिन पहले 29 जून को अमर दुबे की पनकी रतनपुर निवासी खुशी से शादी हुई थी। इसके बाद 2 जुलाई को वारदात हुई। वारदात के बाद पुलिस ने खुशी को साजिश रचने के आरोप में जेल भेज दिया था। तबसे यह आरोप लग रहे हैं कि खुशी को जेल क्यों भेजा गया, जबकि उसकी तो महज 3 दिन पहले शादी हुई थी।
पुलिस (UP police) ने भी खुशी की गिरफ्तारी को अपनी गलती मानकर उसको जेल से रिहा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, मगर अचानक प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई। इस मामले में विवेचक इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि अमर और खुशी एक दूसरे को लगभग डेढ़ साल से जानते थे।
पुलिस का कहना है कि इन दोनों की दोस्ती facebook के जरिए हुई थी। खुशी को पूरी जानकारी थी कि अमर विकास दुबे के साथ रहता है। खुशी अमर के कारनामों से भी भली-भांति परिचित थी। इसके अलावा वह विकास दुबे को भी जानती थी, इसलिए पुलिस ने तय कर लिया कि अब खुशी को रिहा न करवाकर उसको आरोपी बनाएगी।
आईओ इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी कहते हैं कि अमर ने अपनी फेसबुक आईडी पर असलहों से लैस तमाम फोटो पोस्ट कर रखी थीं। ऐसे में खुशी और उसके परिवार का ये कहना है कि उसको नहीं पता था कि अमर इस तरह के धंधों में है, ये बात गले नहीं उतर रही है। पुलिस के मुताबिक ऐसी फोटो खुशी को पसंद थीं। पुलिस ने अमर की इन फोटो को जांच में शामिल किया है। साथ ही खुशी के साथ उसके तमाम चैट भी साक्ष्य के तौर पर संकलित किये गए है।
गौरतलब है कि चर्चित बिकरू कांड (Bikru Kand) के बाद खुशी के परिजनों ने कहा था कि विकास दुबे ने दबंगई से जबरन शादी कराई थी। जनज्वार संवाददाता से भी उसके परिजनों ने यही बात बताई थी। पुलिस का दावा है कि ये तथ्य पूरी तरह से झूठ है। खुशी के परिजनों ने पुलिस को गुमराह किया। उसकी शादी जबरन नहीं हुई थी बल्कि रजामंदी से शादी हुई। कुछ ग्रामीणों ने भी इस संबंध में बयान दिए हैं, जिसे पुलिस ने अपनी जांच में शामिल किया है।