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माफिया विकास दुबे ने अवैध जमीन पर करा रखा था निर्माण, इसलिए पुलिस ने ढहा दी दीवार और कमरे
गैंगस्टर विकास दुबे. File Photo.
जनज्वार। कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने गिरोह के साथ आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर अपनी उल्टी गिनती शुरू करवा ली। पुलिस ने कहा है कि उसकी सारी अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी और उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा।
कानपुर रेंज के आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा है कि उसके गांव में पुलिस को बताया गया कि उसने अवैध जमीन पर अपना घर बनाया था। उस जमीन को उसे गलत ढंग से अपने कब्जे में लिया था और वहां से अवैध गतिविधियों को चलाता था। शनिवार को आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि उसके बैंक खातों को, उसकी सारी अवैध संपत्ति को पुलिस जब्त कर उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
People in his (Vikas Dubey) village have told police that he built the house on a piece of illegally occupied land & was carrying out criminal activities there. Police will seize his illegal properties & money in his bank accounts under Gangsters Act: Kanpur IG Mohit Agarwal https://t.co/VeaqfkTtEh pic.twitter.com/B9llz9K91u
— ANI UP (@ANINewsUP) July 4, 2020
इस बीच घटना के 55 घंटे बाद भी वह अबतक पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसकी तलाश में पुलिस की दर्जनों टीम लगातार छापे मार रही है। कानपुर रेंच के सभी पुलिस थानों को उसकी तलाश में लगाया गया है। पुलिस ने शनिवार को उसके घर को तोड़ने की कार्रवाई की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विकास दुबे दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि घटना को अंजाम देने के बाद पांच साथियों के साथ भागा था। वह अपने गांव के एक व्यक्ति की इनोवा कार लेकर भागा था।
भागने के बाद वह पास के पीटरापुर गांव में एक परिवार के घर गया था और फिर वहां सभी का मोबाइल फोन आफ करवा दिया था। फिर वह वहां से किस ओर भागा यह अभी पता नहीं चल सका है।
विकास दुबे वहां तीन घंटे तक रूका था।
मामा व चचेरे भाई का शव लेने नहीं आए परिजन
विकास दुबे गैंग द्वारा आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद पुलिस के कॉम्बिंग के दौरान मारे गए विकास दुबे के मामा और चचेरे भाई का पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, पर घर वालों को सूचना देने के बाद भी कोई शव लेने नहीं आया। इसके कारण पुलिस वालों को ही उनका शवदाह करना पड़ा।
कॉम्बिंग के दौरान विकास के मामा प्रेमप्रकाश उर्फ प्रेमप्रकाश पांडेय व चचेरे भाई अतुल दुबे मारे गए थे। बिल्हौर के इंस्पेक्टर संतोष अवस्थी के मुताबिक दोनों के परिजनों को सूचना दी गई थी। भैरोघाट पर उनके परिजनों का इंतजार होता रहा, जब कोई नहीं आया तो आखिरकार शाम साढे चार बजे पुलिस कर्मियों ने उनका शव दाह किया।