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जहां मारा गया था गैंगस्टर अमर दुबे, न्यायिक आयोग ने वहां क्रिएट किया क्राइम सीन
जनज्वार। कानपुर के बिकरू काण्ड के मुख्य आरोपी तथा विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे एनकाउंटर मामले कि जांच करने न्यायिक आयोग की टीम हमीरपुर पहुँची थी। मौदहा-इंगोहटा मार्ग पर स्थित घटनास्थल पर क्राइम सीन का नाट्य रूपांतरण किया गया। फारेंसिक टीम ने मौके से कई सबूत भी जुटाए। यहाँ टीम ने 6 घण्टे तक जाँच की।
दो जुलाई को हुए बिकरू काण्ड के बाद 8 जुलाई को एसटीएफ ने हमीरपुर में अमर दुबे को मार गिराया था। सुप्रीम कोर्ट ने बिकरू काण्ड की जाँच के लिए न्यायिक आयोग टीम का गठन किया है। टीम में शामिल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान, पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता तथा हाईकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे हमीरपुर सर्किट हाउस पहुँचे।
आयोग ने डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी तथा एसपी नरेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर एनकाउंटर की जानकारी ली। एफआईआर की कॉपी समेत पोस्टमार्टम रिपोर्ट इत्यादि कब्जे में लिया। जिसके बाद टीम करीब साढ़े चार बजे घटनास्थल पर पहुँची। यहाँ कड़े पुलिस पहरे के बीच एनकाउंटर का नाट्य रूपांतरण किया गया। किसी को भी घटनास्थल वाली जगह पर जाने की इजाजत नहीं थी।
खुशी का स्थानांतरण
बिकरू कांड से दो दिन पहले यानी 29 जून को पनकी निवासी खुशी तिवारी की अमर दुबे से शादी हुई थी। पुलिस ने अमर के साथ खुशी को भी काण्ड का आरोपी बनाया और जेल भेज दिया था। कोर्ट से नाबालिग घोषित हुई खुशी के छूटने की चर्चा तेज थी। लेकिन अब अमर दुबे की पत्नी खुशी तिवारी को सोमवार को बालिका संप्रेषण गृह बाराबंकी भेजा गया है। किशोर न्याय बोर्ड ने एक सितंबर को उसे नाबालिग घोषित किया था। इसके बाद उसे बाराबंकी भेजने का आदेश दिया गया। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि खुशी के बाराबंकी स्थानांतरण के बाद उसके माता-पिता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।