Mayawati News: लोकसभा चुनाव 2024 में बढ़त के लिए बसपा सुप्रीमों मायावती चलेंगी ये चाल, रणनीति पर काम शुरू
Mayawati News: उत्तर प्रदेश में तीन बार सीएम की कुर्सी पर बैठ चुकीं बसपा सुप्रीमों मायावती आने वाले निकाय चुनावों में खास रणनीति अपना सकती हैं। अंदरखाने सूचना है कि अपनी खोई जमीन वापस पाने की कवायद में वे नयां दांव आजमाएंगी। उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर करीब से नजर रखने वाले सूत्रों ने जनज्वार को बताया कि बहनजी चाहती हैं कि निकाय चुनाव में होने वाली मेहनत से मिलने वाली संजीवनी लोकसभा चुनाव में काम आए।
इसी रणनीति के तहत मेयर चुनाव में पूर्व सांसदों और विधायकों पर दांव लगाने को लेकर मंथन चल रहा है। बीएसपी को भरोसा है कि इससे यूपी में दरक रहे जनाधार को फिर से कायम कर चुनावों में अपेक्षाकृत सफलता न मिलने से आई कमजोरी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दूर किया जा सकेगा। और इसके लिए प्लान को अमलीजामा पहनाने का काम भी शुरू किया जा चुका है।
बिखरा जनाधार पाने की चाहत
अनुसूचित जाति और जनजाति के सहारे यूपी में राजनीति करने वाली बसपा के पिछले कुछ चुनावी नतीजों पर नजर डाला जाए तो यह खिसकता हुआ नजर आ रहा है। इसका अंदाजा वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा को मिली सीटों से लगाया जा सकता है। इस चुनाव में बसपा को मात्र एक सीट रसड़ा बलिया के रूप में मिली। बसपा सुप्रीमो इस जनाधार को वापस पाने के लिए संगठन को नए सिरे से दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं। सदस्यता अभियान भी चला रही हैं। निकाय चुनाव मजबूती से लड़ने की पीछे भी यही वजह है
लोकसभा 2024 में मजबूत दावेदारी की कवायद
बसपा प्रदेश की 17 सीटों पर मेयर चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सेक्टर प्रभारियों से रिपोर्ट भी मांगी गई है। पूछा गया है कि उनके यहां ऐसे कितने नेता हैं, जो मेयर का चुनाव लड़ना चाहते हैं। बसपा सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर उम्मीदवारी तय की जाएगी। निकाय चुनाव में बेहतर रिजल्ट देने वाले की लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी मजबूत होगी।
2017 में दी थी कड़ी टक्कर
बसपा को वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में अप्रत्याशित जीत मिली थी। अलीगढ़ में फुरकान और मेरठ में सुनीता वर्मा चुनाव जीती और सहारनपुर में बसपा ने भाजपा को करारी टक्कर दी। भाजपा को यहां 121179 वोट मिले और बसपा को 119193 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही। इसीलिए बसपा पिछली बार की अपेक्षा इस बार और मजबूत रणनीति पर काम कर रही है।
मेयर की सीटें महत्वपूर्ण
निकाय चुनाव में मेयर की सीटें काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। सांसदी चुनाव के बराबर मतदाता एक मेयर को चुनते हैं। इसीलिए पार्टियां इस चुनाव को प्रतिष्ठा का चुनाव मानती हैं। इसके अलावा इनपुट है कि बसपा उत्तर प्रदेश में 17 मेयर, 199 पालिका परिषद चेयरमैन, 535 नगर पंचायत चेयरमैन पर दांव खेल सकती है। इसके साथ ही वार्ड गठन की भी प्रक्रिया चल रही है।