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उत्तर प्रदेश

Meerut News : मेरठ की इस पुलिस चौकी में 2014 के बाद नहीं दर्ज हुई एक भी FIR, वजह जानकर सिर पीट लेंगे

Janjwar Desk
7 Oct 2022 11:48 AM GMT
Merrut News : मेरठ की इस पुलिस चौकी में 2014 के बाद नहीं दर्ज हुई एक भी FIR, वजह जानकर आप अपना सिर पीट लेंगे
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Merrut News : मेरठ की इस पुलिस चौकी में 2014 के बाद नहीं दर्ज हुई एक भी FIR, वजह जानकर आप अपना सिर पीट लेंगे

Merrut News : उत्तर प्रदेश सरकार अपराध को कम करने के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने के दावे कर रही है। लेकिन, दूसरी तरफ जनपद मेरठ में एक ऐसी रिपोर्टिंग पुलिस चौकी है, जहां ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद भी पिछले आठ सालों से एक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है...

Merrut News : एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) अपराध को कम करने के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने के दावे कर रही है। लेकिन, दूसरी तरफ जनपद मेरठ में एक ऐसी रिपोर्टिंग पुलिस चौकी है, जहां ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद भी पिछले आठ सालों से एक एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है।

इसका कारण जानने पर पता चला कि कंप्यूटर और ऑपरेटर (Computer And Operator) आठ साल बाद भी चौकी को मुहैया नहीं हो सका है। जिसके कारण फरियादियों को 10 किलोमीटर दूर थाने पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए जाना पड़ता है। कई बार स्थानीय लोग रिपोर्टिंग चौकी पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराने की मांग कर चुके हैं।

यहां के कई गांव हैं संवेदनशील

मेरठ जिले की लावड़ रिपोर्टिंग चौकी सालों पुरानी है। लावड़ चौकी के अंतर्गत कई गांव अतिसंवेदनशील माने जाते हैं। 2014 तक लावड़ चौकी पर ही एफआईआर की व्यवस्था थी। इसके बाद ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई। लेकिन, यह प्रणाली रिपोर्टिंग चौकी लावड़ को रास नहीं आई। जिस कारण पिछले आठ साल से यहां कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।

बताया गया कि लोगों को 10 किलोमीटर दूर इंचौली थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए जाना पड़ता है। इस मार्ग पर रात में सवारी नहीं चलती, जिस कारण फरियादियों को सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग थाने तक भी नहीं पहुंच पाते।

ऑपरेटर न मिलने से कम्प्यूटर वापस हो गया

एफआईआर ऑनलाइन दर्ज करने की व्यवस्था लागू होने के बाद 2015 में लावड़ चौकी पर कंप्यूटर सेट भेजा गया था। एक साल तक भी रिपोर्टिंग चौकी को ऑपरेटर नहीं मिला। जिस कारण कंप्यूटर सेट इंचौली थाने भेज दिया गया। लावड़ कस्बे के अलावा चौकी क्षेत्र से 12 गांव जुड़े हैं। जिनमें, खरदौनी सबसे बड़ा गांव है और अतिसंवेदनशील भी है। चौकी क्षेत्र पर लगभग 80 हजार से अधिक लोगों की जिम्मेदारी है। लावड़ रिपोर्टिंग चौकी को दो बार थाना बनाने का प्रस्ताव आया लेकिन, दोनों बार निराशा हाथ लगी।

चौकी इंचार्ज लावड़ प्रवीन चौधरी बताते हैं कि, 'ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद इंचौली थाने पर ही मुकदमा दर्ज किया जाता है। हालांकि, जीडी चौकी पर ही चलती है। ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद थानों पर ही मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए गए थे। दो बार थाना बनाने का प्रस्ताव लावड़ के लिए आया। लेकिन, क्या कारण रहे, इसकी जानकारी नहीं है।'

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