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Exclusive : जींस पहनने को लेकर नहीं हुई थी नेहा की हत्या, मौत के वक्त पहनी थी लेगिंग
नेहा पासवान : जींस पहनने के कारण हत्या की बात को सीधे तौर पर नकार रही है जांच कर रही देवरिया पुलिस
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
जनज्वार। जींस पहनने से न मानने पर किशोरी की उसके चाचा व बाबा के द्वारा हत्या कर देने की घटना एक पखवारे के बाद भी चर्चा में है। आधुनिकता व प्रगतिशीलता की वकालत करने वाले समाज में आज भी लड़की के पोशाक को लेकर अगर बंदिशे होंगी तो सवाल उठेंगे ही। इस सवाल के विपरीत घटना के गुजरे वक्त के साथ ही जो नए नए तथ्य सामने आ रहे हैं, वे काफी चौकाने वाले हैं ।
मृतका के घरवालों के द्वारा बताई गई हत्या से जुड़ी कहानी को पुलिस की स्क्रिप्ट झुठला रही है। उधर गांव की गलियों से गुजरते वक्त के साथ टूटती चुप्पियां पुलिस की कहानी को सही साबित करने में लगी हैं। फिलहाल हत्या के दर्ज मुकदमे के आधार पर न्यायिक प्रक्रिया का आगे बढ़ना तो स्वाभाविक है, लेकिन इससे इतर हत्या, आत्महत्या या हादसा के ट्रिपल एंगल पर हो रही बहस की तफ्तीश भी जरूरी है।
देवरिया जिले के महुवाडीह थाना अंतर्गत सवरेजी खर्ग में एक मजदूर परिवार 20 जुलाई को अचानक उस समय सुर्खियों में आ गया जब एक खबर आई की जींस नहीं पहनने की बात न मानने पर घरवालों ने ही एक किशोरी की हत्या कर दी। गांव के अमरनाथ पासवान की 17 साल की बेटी नेहा पासवान को पीटकर चाचा व बाबा ने जान ले ली। इस घटना के विस्तार में जाने से पहले जानते हैं परिवार का हाल।
मृतका के परिवार की यह है स्थिति
गांव के अमरनाथ पासवान चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके बाद भाई ब्यास, अरविद व सत्येंद्र हैं। अमरनाथ का परिवार भाइयों से अलग रहता है। अमरनाथ इन दिनों लुधियाना में किसी प्राइवेट कंपनी में श्रमिक हैं। अमरनाथ को दो बेटे व दो बेटियां थीं। जिसमें सबसे बड़ी निशा, उसके बाद बेटा विशाल, बेटी नेहा व सबसे छोटा विवेक है। बड़ी बेटी निशा बीए कर चुकी है, जबकि छोटी बेटी नेहा कक्षा नौ की छात्रा थी।
नेहा की मां शकुंतला देवी के मुताबिक जींस पैंट व टी-शर्ट पहनने का चाचा, दादा व चाची भी विरोध करती थीं। कई बार इसको लेकर कहासुनी भी हुई। हर बार बातचीत कर मामले को शांत करा दिया जाता। मां के अनुसार घटना के दिन भी यही बात दोहराई गई। मृतका की सबसे बड़ी बहन निशा, नेहा की चाचा व दादा द्वारा पिटाई और गला दबाने के वक्त विरोध करने लगी। साथ ही अपनी मां को भी बुला लिया।
आरोप है कि आरोपित ने दोनों को धक्का देकर गिरा दिया। उधर पिटाई से नेहा अचेत हो गई। इस पर चाचा ही अपने कुछ साथियों के साथ नेहा को इलाज कराने के लिए आटो से लेकर निकला। तहकीकात के दौरान आटो चालक ने खुद पुलिस को बताया कि वह अपनी मां के साथ मछली बेचकर लौट रहा था। दरवाजे से गुजरते समय आरोपितों ने उसे रोक लिया और नेहा को अस्पताल पहुंचाने की बात कही। जिस पर आटो चालक आरोपितों की बात मान लिया और नेहा को लेकर जिला अस्पताल के लिए चल दिया।
पांडेयचक चौराहे पर आटो पहुंचने के बाद आरोपित अस्पताल की बजाय पटनवा पुल लेकर चलने की बात कहने लगे। आटो चालक ने विरोध जताया तो आरोपितों ने उसकी भी पिटाई करने की धमकी दी, जिसके बाद आटो चालक पुल पर आटो ले गया। चाचा समेत तीन लोगों ने शव को पुल से फेंक दिए और आटो से ही घर पहुंच गए। दूसरे दिन सुबह पटनवा पुल पर किशोरी का शव लटके होने की सूचना पुलिस को मिली।
तहकीकात करने पर दलित किशोरी नेहा के रूप में शव की पहचान हुई। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नेहा की मौत सिर पर चोट लगने के कारण होने की पुष्टि हुई। इसके बाद मृतका की मां शकुंतला देवी की तहरीर पर मृतका की दादी भगना देवी, दादा परमहंस, चाचा अरविद, व्यास, चाची गुड्डी देवी पत्नी ब्यास, पूजा देवी पत्नी अरविद, आटो चालक हसनैन, गांव के राहुल व पन्नेलाल के खिलाफ हत्याा व तथ्य छुपाने का मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें से चार लोग की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस की थ्योरी में जींस की बात सिरे से खारिज
पुलिस की मानें तो घटना के दिन नेहा के बाबा ने घर के लोगों को धान के खेत में घास उखाड़ने के लिए चलाने को कहा। इस पर नेहा ने विरोध जताते हुए बाबा को अपशब्द बोल दी। यह बात चाचा को नागवार लगा। उसने आक्रोश में आकर नेहा की निर्ममता से पिटाई कर दी। जिससे नेहा बेहोश हो गई। इसके बाद चाचा अरविद इलाज कराने के लिए गांव के कुछ लोगों के साथ हसनैन के आटो रिक्शा से लेकर जिला अस्पताल के लिए निकला। लेकिन रास्ते में ही मौत हो जाने की भनक लगने पर तथ्य छुपाने के लिए शव को पटनवा पुल से फेंक दिया। थाना प्रभारी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में गंभीर चोट के निशान हैं। जिससे अंदेशा जताया जा रहा है कि पुल से फेंकने के समय ग्रील से लगकर ये निशान बने होंगे।
घटना के समय नेहा ने जींस नहीं लेगिंग पहना था
पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम के समय नेहा के शरीर पर जींस नहीं थी, बल्कि वह लेगिंग पहनी हुई थी, जबकि घरवालों के तरफ से कहा गया कि जींस पहनने पर नाराज होकर चाचा अरविंद ने जान ले ली। उधर नेहा के लुधियाना रहने की बात भी पुलिस खारिज करती है। घरवालों ने कहा कि लुधियाना से ही उसे जींस पहनने की आदत थी, जबकि मां ने पुलिस को खुद बताया था कि नेहा गांव पर ही रहती थी। पुलिस के मुताबिक सुबह तक घरवाले जो बात बता रहे थे, वे अचानक बदल गई और शाम सात बजे जींस पहनने को लेकर विवाद सामने आया। कुछ ग्रामीणों के मुताबिक मृतका की रिश्ते की एक बहन पुलिस विभाग मेंं है, उसके कहने पर ही नई कहानी बनाई गई।
आत्महत्या का नहीं मिला कोई सबूत
घटना को लेकर एक बात और सामने आई थी कि नेहा ने घर पर विवाद के समय सबक सिखाने की धमकी देते हुए अपने से कमरा बंद कर लिया। इसके बाद में जान देने के लिए फंदा लगा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं। दम घुटने से मौत की बात कही से भी साबित नहीं होती है। थाना प्रभारी ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच के समय किसी भी निर्दोष को नहीं परेशान किया जाएगा।