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उत्तर प्रदेश

UP के मुजफ्फरनगर में मस्जिद ढहाए जाने पर ओवैसी ने कसा तंज कहा लोगों को अंतिम संस्कार नसीब नहीं और CM मुस्लिमों पर ढा रहे जुल्म

Janjwar Desk
28 May 2021 4:21 AM GMT
UP के मुजफ्फरनगर में मस्जिद ढहाए जाने पर ओवैसी ने कसा तंज कहा लोगों को अंतिम संस्कार नसीब नहीं और CM मुस्लिमों पर ढा रहे जुल्म
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मुजफ्फरनगर में मस्जिद गिराए जाने को लेकर ओवैसी ने योगी पर तंज कसा है.कहा कि लोग मर रहे CM मुसलमानों पर जुल्म ढहा रहे.

ओवैसी ने कहा यूपी के CM अपनी ज़िम्मेदारियों को सम्भाल नही पा रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टर का इंतज़ाम नहीं, नौजवान बेरोज़गार बैठे है, लोगों को सम्मान से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा। मुसलमानों पर ज़ुल्म करने के सिवाय, मुख्यमंत्री को ज़्यादा कुछ नहीं आता...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक मस्जिद को गिराए जाने कि घटना पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर किया है। तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि सरकार कोरोना से मरने वालों का तो अंतिम संस्कार नहीं कर पा रही है। लेकिन वह लगातार मुसलमानों पर जुल्म कर रही है।

अपने एक ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि, 'उत्तर प्रदेश के खतौली, मुजफ्फरनगर में मस्जिद को SDM इन्द्रकांत द्विवेदी ने शहीद कर दिया। मस्जिद वक़्फ़ की ज़मीन पर बनाई गयी थी। 5 महीनों से मस्जिद में नमाज़ अदा की जा रही थी। लॉकडाउन में भी नमाज़ पढ़ी जा रही थी। मस्जिद को शहीद करने से पहले मुतवल्ली से वक़्फ़ के काग़ज़ात तक नहीं मांगे गए।'

ओवैसी ने लिखा 'बाराबंकी के बाद ये दूसरी मस्जिद है जो यूपी में शहीद कर दी गयी है। बाराबंकी में मस्जिद को शहीद इस बहाने से किया गया की मस्जिद सरकारी ज़मीन पर बनी है हालांकि मस्जिद के ज़िम्मेदारों के पास वक़्फ़ के तमाम काग़ज़ात थे। हाईकोर्ट ने भी बाराबंकी की मस्जिद को मिस्मार करने पर और नमाज़ियों को बेदखल करने पर 31 मई तक रोक लगायी थी।'

AIMIM नेता ने कहा, 'लेकिन मुज़फ्फरनगर में तो मस्जिद भी वक़्फ़ के ज़मीन पर थी, फिर भी शहीद कर दी गयी। ज़ाहिर सी बात है के यूपी के मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारियों को सम्भाल नही पा रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टर का इंतज़ाम नहीं, नौजवान बेरोज़गार बैठे है, लोगों को सम्मान से अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा। मुसलमानों पर ज़ुल्म करने के सिवाय, मुख्यमंत्री को ज़्यादा कुछ नहीं आता।'

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिला प्रशासन द्वारा एक मस्जिद को "अवैध" करार देकर ढहा दिया गया था। इसके बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बयान जारी कर कार्रवाई को अवैध और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक निर्देश का उल्लंघन बताया था।

बोर्ड ने कहा कि वह 'मस्जिद की बहाली, उच्च स्तरीय न्यायिक जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख करेगा। हालांकि, जिला प्रशासन ने कहा था कि कार्रवाई कानूनी कार्यवाही के अनुसार थी। विचाराधीन मस्जिद रामसनेही घाट की तहसील के भीतर बानी कड़ा गाँव में स्थित थी और इसे स्थानीय रूप से गरीब नवाज़ मस्जिद के रूप में भी जाना जाता था।'

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