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सोशल : योगी सरकार के पांच साल संविदा नियुक्ति से अब समझ में आया आत्मनिर्भर बनने का मतलब...
जनज्वार। योगी आदित्यनाथ सरकार के ग्रुप बी व सी कर्मियों की पांच साल के लिए संविदा नियुक्ति और उसके बाद उनके कार्य प्रदर्शन के मूल्याकंन के आधार पर ही स्थायीकरण करने के फैसले के खिलाफ उत्तरप्रदेश में आवाज बुलंद हो रही है। प्राथमिक रूप से इसकी शुरुआत सोशल मीडिया पर हो चुकी है। कई लोग इस प्र्रस्ताव के खिलाफ ट्वीट कर इसका विरोध जता रहे हैं।
ऐसे करने वालों में नौकरशाह, राजनेता से लेकर पत्रकार व आम लोग तक शामिल हैं। योगी सरकार के खिलाफ हमेशा मोर्चा खोले रहने वाले पूर्व आइएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया, पांच वर्ष में क्या रिटायर कर दोगे? उसके बाद उन्होंने एक दूसरा ट्वीट किया कि आपको प्रताड़ित करने में आनंद मिलता है क्या। उन्होंने लिखा कि यह भ्र्रष्टाचार है और बेरोजगार युवाओं को इतना न सताओ वह जाग जाएगा। सूर्य प्रताप सिंह ने इस प्र्रस्ताव का विरोध करने के लिए पांच वर्ष संविदा बंद करो हैशटैग का प्रयोग किया। उन्होंने इस हैशटैग का प्रयोग कर लोगों से इस फैसले का विरोध जताने की अपील की।
ये भ्रष्टाचार है l#पांचवर्षसंविदाबंदकरो pic.twitter.com/feE2oxFI1b
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) September 13, 2020
वहीं, पत्रकार रणविजय सिंह ने लिखा कि यूपी में सरकारी नौकरी के पहले पांच साल संविदा कर्मी के तौर पर काम करना पड़ सकता है। यूपी सरकार इसका प्लान कर रही है। मुझे यह प्लान सही नहीं लगता। गुजरात में भी इसका विरोध हुआ था। इसमें नौकरी करने वाले पर मानसिक दबाव रहता है, साथ ही घूसखोरों की भी चांदी हो सकती है।
Market में सरकारी नौकरी में 5 साल संविदा करने पर बात चल रही थी। पूछ रहे थे कि क्या इससे कुछ ग्राफ गिरेगा। सरकार के प्रति कुछ नाराजगी बढ़ेगी ? मेरा जबाब था अगर वोट इन्हीं मुद्दों पर डाला गया तो निश्चित हार होगी और मुद्दे सीमा,सेना,धर्म, के रहे तो no comments ! @ranvijaylive
— Prabal Ponia (@iamprbl) September 13, 2020
वहीं, अखिलेश पांडेय नामक एक ट्वीटर यूजर ने लिखा, योगी जी बहुत हुआ सब्र का इम्तिहान और कितना जुल्म करोगे, पहले तो नियुक्ति न दे रहे थे, अब पांच साल तक सरकारी ना होने दोगे, आखिर चाहते क्या हो दूध बेचें हम, पकौड़े चले या दोना पत्तल बनाएं।
शुभम नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि हम चुनाव की तरह ही समय पर परीक्षाओं के नतीजे चाहते हैं। कृपया छात्रों की बात सुनें, वे हमारे देश का भविष्य हैं। शुभम नाम के एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया: नो गवर्नमेंट जाॅब, नो वोट बीजेपी।
#पांचवर्षसंविदाबंदकरो गुलाम बनाने की तरफ पहला कदम अगर आज आपने विरोध नहीं किया तो फिर देर हो जाएगी उत्तर प्रदेश की जनता उठो और झाड़ के रख दो इन बाबाओं को इनको इनकी असली जगह मंदिर में पहुंचाओ ताकि वहां जाकर ये लोग घंटा बजा सकें यह आम आदमी की नहीं@INCUttarPradesh @suryapsingh_IAS pic.twitter.com/ihL8sQmp8u
— Pandit kuldeep sharma (@panditkuldeep77) September 13, 2020
सुमित नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा यही है गुजरात माॅडल, बीजेपी के जाने का वक्त आ गया। नीतीश पाल नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा जब सरकार ने कहा आत्मनिर्भर बनिये तब उस बात की गहराई नहीं समझ पाया था, अब धीरे-धीरे समझ आ रहा है।