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उत्तर प्रदेश

Pilibhit News: रिटायरमेंट के बाद भी Pilibhit में नौकरी करता रहा कर्मचारी, पांच माह बाद ऐसे हुआ खुलासा

Janjwar Desk
6 Jan 2022 10:28 PM IST
Pilibhit News: रिटायरमेंट के बाद भी Pilibhit में नौकरी करता रहा कर्मचारी, पांच माह बाद ऐसे हुआ खुलासा
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Pilibhit News: रिटायरमेंट के बाद भी Pilibhit में नौकरी करता रहा कर्मचारी, पांच माह बाद ऐसे हुआ खुलासा

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश( (Uttar Pradesh) के जनपद पीलीभीत (Pilibhit) में बेसिक शिक्षा (Basic Education) महकमे का अजब हाल है। कर्मचारी रिटायर हो गया मगर ना तो महकमे के अफसरों ने उसे ड्यूटी पर आने से रोका और ना ही प्रत्येक माह उसके वेतन का आहरण बंद किया।

पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश( (Uttar Pradesh) के जनपद पीलीभीत (Pilibhit) में बेसिक शिक्षा (Basic Education) महकमे का अजब हाल है। कर्मचारी रिटायर हो गया मगर ना तो महकमे के अफसरों ने उसे ड्यूटी पर आने से रोका और ना ही प्रत्येक माह उसके वेतन का आहरण बंद किया। पांच माह बाद खुलासा हुआ तो अब महकमे में हड़कंप मचा है। मामला मरौरी (Marauri) विकासखंड के ग्राम दहगला (Dahagla) में स्थित प्राथमिक विद्यालय (कम्पोजिट) का है।

जनपद के मरौरी विकासखंड में ग्राम दहगला में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक का कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय है। इस विद्यालय में सेवक के पद पर अब्दुल शरीफ की तैनाती थी। जन्मतिथि के अनुसार इस कर्मचारी को वर्ष 2021 के माह जुलाई में सेवानिवृत्त होना था लेकिन कर्मचारी माह जुलाई निकल जाने के बाद भी विद्यालय में अपनी ड्यूटी पर आता रहा। इस बीच खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से उसका वेतन बिल भी बनकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से विभाग के वित्त एवं लेखा अधिकारी कार्यालय को जाता रहा।

इसे विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत कहे या फिर बड़ी चूक। कर्मचारी ने एक नहीं बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद 4 माह का अतिरिक्त वेतन प्राप्त कर लिया और बेसिक शिक्षा महकमे में किसी को भी उसके सेवानिवृत्त हो जाने की जानकारी ही नहीं हुई, यह जांच का विषय है। बताते हैं कि शहर के ही एक व्यक्ति ने जब बेसिक शिक्षा महकमे के अफसरों को अब्दुल शरीफ के सेवानिवृत्त हो जाने की बात कही तो पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। कर्मचारी की सेवा पुस्तिका निकाली गई तो सूचना सही निकली। उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि निकले 5 माह बीत चुके थे। उसे नवंबर माह तक का वेतन पारत किया जा चुका है। माह दिसंबर का वेतन भी आहरित होने वाला ही था कि मामले का भंडाफोड़ हो गया।

वेतन आहरण के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होने के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी आपस में एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हर कोई अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। अफसर तो यहां तक कह रहे हैं कि पहली जिम्मेदारी तो कर्मचारी की बनती है कि वह विभाग को अपने रिटायरमेंट की सूचना दें और ड्यूटी पर आना बंद कर दे। बताते है कि पिछले वर्ष जुलाई में सेवानिवृत्त हो चुके इस कर्मचारी ने अतिरिक्त आहरित वेतन को लौटाने से यह कहकर इंकार कर दिया है कि इसमें उसकी कोई गलती नहीं है, उसने विद्यालय में आकर ड्यूटी की और कार्य किया, उसी का वेतन लिया। अब महकमे के अफसर उसे मनाने में जुटे हुए हैं कि वह अपने आहरित वेतन को लौटा दे।

कायदे से जांच में होंगे और बड़े खुलासे

बेसिक शिक्षा विभाग में यह कोई पहला मामला नहीं है। विभाग कई निलंबित कर्मचारियों का निलंबन अवधि में गुजारा भत्ता ना देकर वेतन आहरण करने के मामलों को लेकर भी सुर्खियों में रह चुका है। महकमे के चर्चित शिक्षक राजकुमार उर्फ राजू को तो बेसिक शिक्षा महकमे के अफसरों ने ना सिर्फ निलंबन अवधि के दौरान पूरे वेतन का भुगतान किया बल्कि उसकी विदेश यात्रा की अवधि में उसकी विद्यालय में उपस्थिति तक दर्ज होती रही। बीसलपुर के विधायक रामसरन वर्मा की शिकायत पर उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी प्रयागराज में बीते डेढ़ साल से इस प्रकरण की जांच कर रही है। शिक्षक राजकुमार उर्फ राजू भ्रष्टाचार के मामले में चौतरफा घिरने के बाद नौकरी छोड़ कर चला गया और अब जनपद की पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। उसके विरुद्ध अब तक ना तो पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई है और ना ही गलत तरीके से लिए गए भुगतान की वसूली की गई है। सूत्र बताते हैं कि कई निलंबित कर्मचारियों को निलंबन अवधि में पूरा वेतन भुगतान होता रहा है।

रिटायरमेंट में चूक कई स्तरों से हुई : एबीएसए

मरौरी विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी शिव शंकर मौर्य ने माना कि चूक कई स्तरों से हुई है। चूक तो दोनों तरफ से हुई है। कार्यालय से भी उसको नहीं कहा गया। जो कर्मचारी नौकरी कर रहा है, उसको अपनी जन्मतिथि तो पता ही है, वो भी बता सकता था। उसे जुलाई में रिटायर होना था। मेरी पोस्टिंग अगस्त में हुई लेकिन जब मेरे संज्ञान में मामला आया तो कर्मचारी को नोटिस दिया गया। अब उसे अतिरिक्त आहरित वेतन की धनराशि सरकारी खाते में वापस करनी है। रिटायरमेंट की तारीख के बाद अगर एक भी रुपया कोई कर्मचारी लेगा तो उसे वापस करना ही होगा। श्री मौर्य का कहना है कि सबसे पहली जिम्मेदारी तो कर्मचारी की है। वह नौकरी कर रहा है तो उसे पता है कि रिटायरमेंट कब है।

मामला संज्ञान में है, कार्रवाई होगी : बीएसए

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। अभी वह जनपद से बाहर हैं। वापस लौटते ही इस मामले में जांच कराकर जो भी दोषी है, उसके विरूद्ध कार्रवाई कराएंगे।

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