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उत्तर प्रदेश

Pilibhit News: RSS और BJP का वरिष्ठ पदाधिकारी बताकर चंदा मांगते बिजली दफ्तर में धरा गया जालसाज, जानिए क्या था पूरा मामला

Janjwar Desk
26 May 2022 5:14 PM GMT
Pilibhit News: RSS और BJP का वरिष्ठ पदाधिकारी बताकर चंदा मांगते बिजली दफ्तर में धरा गया जालसाज, जानिए क्या था पूरा मामला
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Pilibhit News: RSS और BJP का वरिष्ठ पदाधिकारी बताकर चंदा मांगते बिजली दफ्तर में धरा गया जालसाज, जानिए क्या था पूरा मामला

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार का खौफ दिखाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मासिक पत्रिका (Monthly Magazine) के लिए आर्थिक सहयोग मांगने वाले कथित नेताजी (Alleged Leader) अधिशासी अभियंता कार्यालय (Executive Engineer Office) में पकड़े गए।

पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार का खौफ दिखाकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की मासिक पत्रिका (Monthly Magazine) के लिए आर्थिक सहयोग मांगने वाले कथित नेताजी (Alleged Leader) अधिशासी अभियंता कार्यालय (Executive Engineer Office) में पकड़े गए। संदेह होने पर पूछताछ में नेताजी की पोल खुल गई। अधिशासी अभियंता कार्यालय की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कथित नेताजी को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। इस दौरान अधिशासी अभियंता कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल रहा।

हमेशा की तरह गुरुवार को शाम करीब 4 बजे स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नेता बताने वाला शख्स रोडवेज के समीप स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय पहुंचा। उसने सीधे अधिशासी अभियंता से संपर्क कर उनसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मासिक पत्रिका राष्ट्रीय स्वरूप के प्रकाशन में आर्थिक सहयोग कराने को कहा। चूंकि यह शख्स पहले भी अधिशासी अभियंता के कार्यालय में आकर लोगों से आर्थिक मदद ले जा चुका था, इसलिए अधिशासी अभियंता कार्यालय का सभी स्टाफ उस वक्त से भली-भांति वाकिफ था मगर उनको उसके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भारतीय जनता पार्टी से जुड़े होने को लेकर संदेह था।

गुरुवार को जब यह शख्स मासिक पत्रिका के नाम पर सत्ता का रौब दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए आर्थिक सहयोग मांग रहा था, तब अधिशासी अभियंता कार्यालय के स्टाफ ने इस शख्स से कई सवाल किए तो यह उन सवालों में उलझ गया। पोल खुलती देख यह शख्स कहने लगा कि अगर मासिक पत्रिका के लिए सहयोग नहीं करना है तो कोई बात नहीं। वह चला जाता है। संदेह यकीन में बदल गया कि यह कोई आरएसएस का नेता नहीं बल्कि जालसाज है। फिर क्या था, अधिशासी अभियंता कार्यालय के स्टाफ ने फोन करके चुपचाप पुलिस बुला ली। पुलिस को देखकर इस शख्स के होश उड़ गए। पुलिस के भी किसी सवाल का यह कथित नेता कोई जवाब नहीं दे सका।

कोतवाली पुलिस सत्ता का रौब दिखाकर सरकारी कार्यालय में ब्लैक मेलिंग कर रहे शख्स को अपने साथ गाड़ी में बिठा कर कोतवाली ले आई। बिजली विभाग के अवर अभियंता जहांगीर आलम की ओर से ब्लैक मेलिंग करने, सत्ता का रौब दिखाकर रंगदारी वसूलने के मामले में कथित जालसाज नेता के विरुद्ध कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस जालसाज कथित नेता से पूछताछ कर रही है। इस जालसाज ने अपना नाम देवेंद्र सिंह बताया है।

भाजपा नेताओं ने नहीं पहचाना

अधिशासी अभियंता कार्यालय में पकड़े गए शख्स ने पहले अपने को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का होना बताया फिर भाजपा का पदाधिकारी होना बताया। इस बीच अधिशासी अभियंता ने चुपचाप फोन कराकर अपने संपर्क वाले कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं को भी मौके पर बुला लिया। इन भाजपा नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि यह व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी का ना तो पदाधिकारी है और ना ही कार्यकर्ता है।

खुद को बताया विधायक का भांजा

बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय में धन उगाही करने पहुंचे जालसाज ने स्वयं को उत्तराखंड के खटीमा विधानसभा क्षेत्र के विधायक लाखन सिंह का भांजा होना बताया। जबकि लाखन सिंह खटीमा के विधायक नहीं हैं।

एक माह पहले भी वसूल ले गया चंदा

पकड़ा गया जालसाज पहली बार अधिशासी अभियंता कार्यालय नहीं आया था बल्कि वह काफी लंबे समय से बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय पर आकर स्टाफ से पैसा वसूली करके चला जाता था। एक माह पहले वह अधिशासी अभियंता कार्यालय आया और अधिशासी अभियंता से मिला, तब उसने अंबेडकर जयंती का प्रोग्राम होना बताकर अधिशासी अभियंता व डिवीजन कार्यालय के मोईन कादरी, अवर अभियंता जहांगीर आलम, अवर अभियंता मनोज जायसवाल, लिपिक विकास सक्सेना, एसडीओ-फर्स्ट (रामलीला ग्राउंड) मोहित गुप्ता से चंदा वसूली करके ले गया था।

एक साल पहले पहली बार आया था जालसाज

अधिशासी अभियंता कार्यालय में स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नेता बताकर धन उगाही करने वाला जालसाज एक साल पहले पहली बार कार्यालय आया था, तब उसने कार्यालय के हरीश माथुर आदि अन्य कई कर्मचारियों से संपर्क साधा था। उस समय पहली बार में ही उसे अधिशासी अभियंता के कहने पर स्टाफ के 3 लोगों ने आर्थिक सहयोग बतौर चंदा दे दिया था। उस वक्त यह शख्स कार से आया था। इसके साथ आए अन्य 3 लोग बाहर कार में ही बैठे रहे थे। गुरुवार को जब यह शख्स पकड़ा गया, तब कार्यालय के आसपास इसके साथी नजर नहीं आए।

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