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हाथरस गैंगरेप : चिता के पास खड़ा पुलिस अफसर बोला- पता नहीं क्या जल रहा है, मुझे बोलने का अधिकार नहीं हिंदुस्तान में
जनज्वार। 'मैं थर्ड स्केल का पुलिस अफसर हूं, मुझे हिंदुस्तान में बोलने का अधिकार नहीं है। मैं कोतवाल हो सकता हूं लेकिन बोलने का मुझे राइट नहीं मिला है। आप जाकर डीएम से पूछिए।' यह जवाब उस पुलिस अधिकारी का था जिसके ठीक पीछे हाथरस गैंगरेप पीड़िता की चिता जल रही थी। निजी चैनल की पत्रकार ने उनसे जब यह पूछा कि क्या जल रहा है वहां? तो इस पर अधिकारी का जवाब था कि वह नहीं जानते कि क्या जल रहा है, उनकी ड्यूटी सिर्फ कानून व्यवस्था संभालने के लिए लगाई गई है।
पत्रकार तनुश्री पांडे के ट्विटर वाल से यह वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो में हाथरस गैंगरेप पीड़िता की चिता जल रही है और आसपास पुलिसवालों का जमावड़ा है जो लोगों को वहां तक जाने से रोक रहे हैं। पत्रकार ने लिखा कि ठीक मेरे पीछे पीड़िता की लाश जल रही है। पुलिस ने परिजनों को घर में बंद कर दिया और किसी को जानकारी दिए बिना ही लाश को जलाया जा रहा है। कैमरे में कैद पुलिस अधिकारी ने सवाल पर झल्लाते हुए जवाब दिया कि मैं क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर हूं, मुझे बोलने का अधिकार नहीं है, जाकर डीएम से पूछिए। मेरी ड्यूटी बस इसलिए लगी है कि कानून व्यवस्था न बिगड़े। मुझे कानून व्यवस्था संभालने के लिए लगाया गया है। मैं आपके सवालों का जवाब नहीं दे सकता।
एक और वीडियो तनुश्री ने ट्वीट किया है जिसमें यूपी पुलिस का एक अफसर पीड़िता के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए समझाते हुए कह रहा है कि समाज के रीति-रिवाज परंपरा समय के हिसाब से बदलती हैं। ये एक्ट्रा ऑर्डिनरी सिचुएशन है। कुछ गलतियां आप लोगों से हुई हैं, कुछ गलतियां और लोगों से हुई हैं। बिटिया का पोस्टमॉर्टम हुए 12-14 घंटे हो चुके हैं। इस पर विचार करो और हठधर्मिता मत करो। कहीं नहीं लिखा है कि दाह संस्कार रात में नहीं होता। इस पर एक परिजन ने पुलिस अफसर से कहा कि बेटी हमारी ही नहीं आपकी भी है, क्या आप पर कोई राजनीतिक दबाव है दाह संस्कार के लिए?
14 सितंबर को हाथरस जिले के एक गांव में दलित लड़की से चार युवकों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। पीड़िता की रीढ़ तोड़ दी गई थी और जीभ की काटी गई थी। सोमवार की रात में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मंगलवार की रात में पुलिस ने आनन-फानन में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस पर आरोप है कि अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे परिजनों को घर में बंद कर दिया गया। यहां तक कि परिजनों को पीड़िता का अंतिम दर्शन तक करने नहीं दिया गया। इस घटना को लेकर हाथरस समेत देश के कई जगहों पर लोग शासन-प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोधी दलों के नेता योगी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना पर लोगों में काफी आक्रोश है।