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Prayagraj News : दरिंदगी के बाद 14 दिनों से जिंदगी और मौत से लड़ रही 17 वर्षीय छात्रा, लीपापोती में लगी रही प्रयागराज पुलिस
Prayagraj News : दरिंदगी के बाद 14 दिनों से जिंदगी और मौत से लड़ रही 17 वर्षीय छात्रा, लीपापोती में लगी रही प्रयागराज पुलिस
Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित कौंधियारा थानांतर्गत एक गांव की रहने वाली किशाेरी जो BSC की छात्रा है, के परिवार का आरोप है कि 10 अगस्त की रात दूसरे गांव का एक युवक अपने दो साथियों के साथ आया. और वह उनकी 17 वर्षीय लड़की को उठा ले गया। आरोप है कि युवकों ने लड़की के साथ क्रूरता व वहशियाना हरकत की। उसके नाजुक अंगों पर चोट पहुंचाई और पीटा। जिसके बाद उसे सड़क किनारे छोड़कर भाग गए। इस पूरी वारदात के बाद डायल 112 की टीम जख्मी किशोरी को CHC कौंधियारा ले गई, जहां डाक्टरों ने किशोरी को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया। मगर घरवालों ने उसे गौहनिया स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया।
पिछले 14 दिनों से अस्पताल में भर्ती किशोरी का मेडिकल तथा डाक्टरों की रिपोर्ट पर सामूहिक दुष्कर्म का केस कौंधियारा थाने में दर्ज किया जाएगा। मामला उजागर होने पर बुधवार 24 अगस्त को एसपी यमुनापार और सीओ बारा गौहनिया स्थित अस्पताल पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित लड़की के घरवालों से पूछताछ की। पीड़िता के घर से लेकर घटनास्थल तक का निरीक्षण किया। फिर लिखित शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू करवाई, जिसके आधार पर कौंधियारा पुलिस ने आरोपित युवकों की तलाश में कई जगह दबिश दी। लेकिन अभी तक कोई पकड़ में नहीं आया। इस पूरे घटनाक्रम में कौंधियारा पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है।
10 अगस्त की इस घटना में 18 अगस्त को परिवार ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने सड़क हादसे का केस दर्ज किया था। बुधवार 24 अगस्त को एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने संज्ञान लेते हुए मामले में जांच के आदेश दिए। तब एसपी यमुनापार ने पीड़ित परिवार से बातचीत करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मोटरसाइकिल से आए दरिंदे
हालांकि, पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि लड़की और आरोपित युवक के बीच पहले संपर्क था। युवक ने किशोरी को एक लैपटाप गिफ्ट दिया था, जिसका वह इस्तेमाल करती थी। यह बात भी सामने आई है कि 10 अगस्त की रात युवक बाइक पर उसे अपने साथ ले गया था। इस दौरान युवक की एक दूसरी लड़की से मोबाइल पर बात हुई थी। जिसके बाद ही यह घटना हुई। बहरहाल आरोपी के पकड़े जाने और युवती के बयान पर घटना में शामिल अन्य युवकों के नाम सामने आ सकेंगे। पीड़ित परिवार ने पुलिस को यह भी बताया कि तीन माह पहले आरोपित युवक ने किशोरी से छेड़छाड़ की थी, जिस पर उसकी पिटाई की गई थी। मगर उस मामले में FIR दर्ज नहीं कराई गई थी।
लीपापोती में लगे रहे थानेदार
पुलिस अधिकारियों की जांच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि कौंधियारा थाने के थानाध्यक्ष मामले को दबाने में जुटे रहे। लिखित शिकायत मिलने के बाद भी उन्होंने प्रकरण की गंभीरता से न तो जांच की और न ही अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। पीड़ित परिवार का यह भी आरोप है कि थाने के एक दारोगा ने तहरीर लेने के बाद भी मुकदमा कायम करने में हीलाहवाली की। और किशोरी को मानसिक रूप से परेशान होने का आरोप लगाया था। इस संबंध में अब थानाध्यक्ष कौंधियारा विनोद कुमार सिंह का कहना है कि प्रारंभिक सूचना के आधार पर दुर्घटना का केस लिखा गया है। पीड़िता के बयान पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यमुनापार के कौंधियारा की घटना
प्रयागराज में यमुनापार के कौंधियारा इलाके में एक 17 वर्षीय छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने मामले में हादसे का केस दर्ज किया। चौंकाने वाली बात यह कि पीड़िता पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती है, जहां उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। किशोरी के परिवार वालों ने सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत पुलिस से की लेकिन पुलिस कल बुधवार से पहले तक इस घृणित कार्य को सिरे से इंकार करती रही। यह एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित के बयान से भी झलकता है। शायद तभी पुलिस ने इस मामले में हादसे की रिपोर्ट दर्ज की है।
किशोरी के प्राइवेट अंगों पर चोट के निशान
कौंधियारा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 17 वर्षीय किशाेरी BSC की छात्रा है। उसके नाना व परिवार के कई सदस्य मुंबई में काम करते हैं। नाना का आरोप है कि 10 अगस्त की रात दूसरे गांव का एक युवक अपने दो साथियों के साथ आया। खटखटाने पर किशोरी ने दरवाजा खोला तो उसे अपने साथ उठा ले गए। इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म करते हुए नाजुक अंगों पर चोट पहुंचाई। जिसके बाद पिटाई कर छात्रा को सड़क किनारे फेंककर भाग निकले।
तहरीर में कुछ मुकदमें में कुछ
घटना के आठ दिन बाद यानी 18 अगस्त को जब किशोरी के नाना मुंबई से लौटे तो उन्होने थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दी थी। यह भी आरोप है कि पुलिस ने छात्रा को मानसिक रूप से परेशान बताया और रोड पर जाते वक्त किसी वाहन के द्वारा टक्कर मारने की बात कही। इसी आधार पर हादसे का मुकदमा भी लिखा गया, जबकि उन्होंने ऐसी तहरीर नहीं दी थी। उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म की लिखित शिकायत दी, जिस पर एफआइआर नहीं लिखी गई।
एसपी यमुनापार की तरप से आए बयान में कहा गया कि, इस पूरे मामले में अब किशोरी का बयान सबसे अहम होगा हालांकि किशोरी अभी कुछ बोल पाने में असमर्थ है। मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक यमुनापार सौरभ दीक्षित ने पूरे मामले की जांच कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है। वहीं एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने कहा, उनके संक्षान में पहले यह मामला नहीं था, जिसे वक्त रहते संक्षान में लेकर जांच के आदेश दिए गये। पीड़िता का बयान बेहद अहम है। अगर ऐसा है तो जांच के बाद कड़ी से कड़ी विधिक कार्रवाई होगी।