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उत्तर प्रदेश

पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर तेज हुआ विरोध का स्वर, रिहाई की मांग उठी

Janjwar Desk
18 Aug 2020 11:04 AM GMT
पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर तेज हुआ विरोध का स्वर, रिहाई की मांग उठी
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प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी के विरोध में सोशल मीडिया पर विरोध की आवाजें तेज हो रही हैं। लोग उनकी गिरफ्तारी की वास्तविक वजह बताने के साथ रिहाई की मांग कर रहे हैं...

जनज्वार। पत्रकार प्रशांत कनौजिया को उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर विरोध का स्वर तीखा हो गया है। कई प्रमुख लोगों के साथ आम लोग भी सोशल मीडिया पर प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। प्रशांत कनौजिया को मंगलवार को उनके दिल्ली आवास से यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि यह उत्तरप्रदेश सरकार के तानाशाह रवैए का प्रमाण है। अब लोगों के लिखने पढने और आवाज उठाने से सरकार को तकलीफ होने लगी है। हम लगातार आपातकला के दौर से घिरते जा रहे हैं। तत्काल प्रशांत कनौजिया की रिहाई सुनिश्चित की जाए।

पत्रकार पुनीत कुमार सिंह ने इस मामले में ट्विटर पर लिखा, जिस ट्वीट को लेकर प्रशांत पर एफआईआर हुई है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है असल वो ट्वीट उन्होंने किया ही नहीं है आईटी सेल के माध्यम से वो ट्वीट एडिट करके प्रशांत को फंसाने की साज़िश की जा रही है यूपी पुलिस से अनुरोध है कि मामले की साइबर क्राइम से जांच कर आवश्यक कार्यवाही करें।

इस मामले में कृष्णकांत नामक शख्स ने भी एक ट्वीट किया।

अंबेडकरवादी सूरज कुमार बौद्ध ने इस मामले को पुलिस का तानाशाही के तरह बढता कदम बताया। उन्होंने मांग की कि बिना पूर्व सूचना के हुई इस गिरफ्तारी की वजह बतायी जाए और उन्हें जल्द रिहा किया जाए।

इस मामले में सर्वप्रिया सांगवान ने लिखा कि प्रशांत कनौजिया को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने कई सारे ट्वीट्स को वजह बताकर उन्हें हिरासत में लिया है. अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वे कौन से ट्वीट हैं।

मोहम्मद मिराज हुसैन ने इस मामले में लिखा कि पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की खबर आ रही है, पत्रकारों पर सरकारी गाज गिरना डेमोक्रेसी के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है। अतः मेरा यूपी सरकार से आग्रह है कि उन्हें तत्काल रिहा किया जाए।

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