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उत्तर प्रदेश

रेप आरोपी चिन्मयानंद को नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की काॅपी, सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को किया खारिज

Janjwar Desk
8 Oct 2020 7:12 AM GMT
रेप आरोपी चिन्मयानंद को नहीं मिलेगी पीड़िता के बयान की काॅपी, सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को किया खारिज
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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले को नियम विरुद्ध बताया है। बिना मामले में आरोप पत्र दायर हुआ पीड़िता के बयान की काॅपी नहीं दी जा सकती है...

जनज्वार। काॅलेज छात्रा से रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने आदेश दिया है कि आरोपी पक्ष को रेप पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों की काॅपी नहीं दी जाएगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के बयानों की काॅपी आरोपी चिन्मयानंद को देने संबंधी आदेश को रद्द कर दिया।

इससे पहले इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सात नवंबर, 2019 को आदेश दिया था कि चिन्मयानंद आपराधिक दंड प्रक्रिया संहित की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयानों की प्रमाणित प्रति पाने के हकरदार हैं। इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 नवंबर, 2019 को अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसके तहत बलात्कार आरोपी चिन्मयानंद को शाहजहांपुर के कानून की एक छात्रा द्वारा दर्ज कराए गए बयान की प्रमाणित प्रति का उपयोग करने की अनुमति मिली थी। कानून छात्रा ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न व बलात्कार का आरोप लगाया था।

इस मामले में कानून की छात्रा ने हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर किया था और इसे कानून के विपरीत बताया था और कहा था आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पीड़िता के बयान की प्रति आरोपी को देने के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। याचिका में कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान की प्रति लेने के लिए एक पूर्व शर्त यह है कि आरोप पत्र दायर किया गया हो मजिस्ट्रेट द्वारा उसे संज्ञान में लिया गया हो।

कानून की छात्रा का बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किया गया था। अदालत ने इस मामले अपने 2014 के पिछले फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि बलात्कार पीड़िता काबयान अधिमानतः एक महिला मजिस्ट्रेट के सामने सीधे 24 घंटे के अंदर दर्ज किया जाना चाहिए।

चिन्मयानंद पर लगा बलात्कार का आरोप क्या है?

चिन्मयानंद पर शहाजहांपुर के स्वामी सुखदेव आनंद पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज की एक 23 वर्षीया छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया था। आरोप के अनुसार, चिन्मयानंद इस काॅलेज की मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष थे और अपने पद व ताकत का अहंकार दिखाकर उन्होंने लड़की का यौन शोषण किया। लड़की ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी डाला था और कहा था कि संत समाज का एक बड़़ा नेता जिसने बहुत सारी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद की है उसने मुझे जान मारने की धमकी दी है। लड़की ने अपने पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्वयं की रक्षा की गुहार लगायी थी। लड़की के पिता ने इस मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ बेटी का अपहरण करने और उसका यौन शोषण करने का मामला दर्ज कराया। 28 अगस्त 2019 को चिन्मयानंद इस मामले में आरोपी बनाए गए और उन पर अपहरण सहित अन्य धाराएं लगायी गईं।

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