Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

बागी कांग्रेसी विधायक अदिति सिंह ने क्यों की पार्टी ट्रस्ट की जांच की मांग

Janjwar Desk
3 Nov 2020 3:46 PM IST
बागी कांग्रेसी विधायक अदिति सिंह ने क्यों की पार्टी ट्रस्ट की जांच की मांग
x
बागी विधायक अदिति सिंह ने आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक को पत्र लिखकर कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की है......

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। पूर्व कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन के पार्टी छोड़ने और एक जिला पार्टी प्रमुख पर दो महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद अब एक पार्टी की बागी विधायक ने निशाना साधा है।

बागी विधायक अदिति सिंह ने आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक को पत्र लिखकर कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की है।

अदिति सिंह के अनुसार, 'मैंने कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को लिखा है। सोसाइटी ने कभी भी उस उद्देश्य के लिए काम नहीं किया जिसके लिए इसका गठन किया गया था और भूमि का इस्तेमाल लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कभी नहीं किया गया जबकि सोसाइटी के उपनियम में इस्तेमाल करने का जिक्र है।'

उन्होंने कहा, 'इसके अलावा, फ्रीहोल्ड में भूमि का रूपांतरण गैरकानूनी है क्योंकि यहां लगभग 150 दुकानें हैं जो 600 लोगों को रोजाना आजीविका प्रदान करती हैं।'

कांग्रेस नेताओं और सोसाइटी के सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "जो लोग पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने इस सोसाइटी के माध्यम से क्या किया है। मैंने मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह विभाग को लिखा है। मामले में सैकड़ों करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता है।

उन्होंने आगे कहा कि रायबरेली शहर में शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ट्रस्ट को 1970 के दशक में 30 साल के पट्टे के साथ जमीन दी गई थी। जबकि इसका उपयोग इस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया। वे (कांग्रेस नेता) अब इसे बेचने की कोशिश कर रहे हैं। मेरी लड़ाई दोनों के लिए है - ट्रस्ट के फर्जी तरीकों के खिलाफ और उन 100 से अधिक परिवारों के लिए जो दशकों से वहां रह रहे हैं।

रायबरेली कांग्रेस के प्रमुख पंकज तिवारी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने जमीन खाली करने का आदेश दिया था, जबकि हम यह भी चाहते हैं कि सरकार उन परिवारों के बारे में कुछ करे, जो वहां सदियों से रह रहे हैं, लेकिन हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते क्योंकि पार्टी का ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है।

कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी ने 2003 में भूमि को फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी में बदल दिया और 2016 में इसे बेचने का फैसला किया। मोटे अनुमान के अनुसार, लगभग 150 दुकानें हैं जो लगभग 600 लोगों की आय का स्रोत हैं।

Next Story

विविध