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UP : बदायूं में साधु की निर्ममता से हत्या के बाद जला दिया प्राइवेट पार्ट
नशे में धुत शख्स ने बुजुर्ग के प्राइवेट पार्ट में डंडा घुसा दिया
जनज्वार। योगीराज में अपराध लगातार बेलगाम होता जा रहा है, अपराधी जैसे दिनदहाड़े अपराध करने के बाद बेखौफ घूम रहे हैं। अब प्रदेश के बदायूं से एक दिल दहलाने वाली खबर आयी है। यहां एक साधु को नृशंसता से मौत के घाट उतार सड़क पर फेंक दिया गया।
जानकारी के मुताबिक साधु बदायूं के इस्लामनगर इलाके में रहता था और उझानी कोतवाली क्षेत्र में आज 23 मार्च की सुबह उसकी क्षत—विक्षत लाश बरामद की गयी। साधु के सिर को किसी वजनदार वस्तु से प्रहार के बाद बुरी तरह कुचला गया है, इतना ही नहीं प्राइवेट पार्ट भी जला दिया गया है। पुलिस ने शुरुआती छानबीन के बाद साधु के शव पोस्टमार्टम को भेजा है।
यह वारदात उझानी कोतवाली क्षेत्र के मिहोना गांव में हुई। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आज मिहोना गांव के माखनलाल के घर के दरवाजे पर सुबह—सुबह लोगों को साधु की नंगी लाश पड़ी हुयी मिली। साधु के सिर पर गहरे जख्म थे और प्राइवेट पार्ट जला हुआ था।
जब आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो वह मौकास्थल पर पहुंची। पुलिस जांच में संजरपुर गांव निवासी रूम सिंह ने शव की शिनाख्त अपने मामा रामचंद्र कश्यप के रूप में की। रामचंद्र इस्लामनगर थाना क्षेत्र के सोहरा गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। वह यहां क्यों आया और किसने उसकी हत्या की, इन सवालों का जवाब परिजन भी नहीं दे पा रहे।
परिजनों के मुताबिक रामचंद्र ने घर गृहस्थी छोड़ दी थी और संन्यासी बनकर कई साल से यहां वहां भटकता रहता था।
दूसरी तरफ जिस शख्स माखनलाल के घर के बाहर साधु की लाश फेंकी गयी थी, वह भी घर पर नहीं था। हत्या के शक के आधार पर पुलिस ने आसपास इलाके में उसकी तलाश की तो गांव में ही एक घर में वह छिपा मिला। पुलिस उससे भी इस नृशंस हत्याकांड को लेकर पूछताछ कर रही है।
इस मामले में एसपी सिटी प्रवीण सिंह चौहान का कहना है कि फिलहाल परिजन कुछ भी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखा जाएगा। मामले की जांच की जा रही है
बदायूं में यह किसी साधु की हत्या का पहला मामला नहीं है, इससे पहले मोहजुद्दीनगर ढकनगला गांव में महिला के रूप में मंदिर पर रह रहे महंत सखी बाबा उर्फ जयपाल यादव की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। हत्या की वजह कहासुनी बताई गयी। मानपुर गांव के रहने वाले 75 वर्षीय जय सिंह यादव 45 साल से महिला का रूप धारण सखी बाबा बनकर मंदिर पर रह रहे थे।