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राष्ट्रीय

UP में सांप काटने से 3 सगे भाइयों की मौत, काम का होता स्वास्थ्य केंद्र तो नहीं पसरता मातम

Janjwar Desk
8 Aug 2020 4:41 AM GMT
UP में सांप काटने से 3 सगे भाइयों की मौत, काम का होता स्वास्थ्य केंद्र तो नहीं पसरता मातम
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काम का होता स्वास्थ्य केंद्र तो यूपी में सांप काटने से तीन सगे भाइयों की न होती मौत, परिजनों ने नहीं होने दिया पोस्टमार्टम और कर रहे तांत्रिक का इंतजार कि मरे बच्चे हो जायेंगे जिंदा....

जनज्वार, सीतापुर। यूपी के सीतापुर स्थित थाना सदरपुर क्षेत्र के पिपरी गांव में घर के कमरे में सो रहे तीन मासूम बच्चों को 7 अगस्त को सांप ने काट लिया। हालत बिगड़ने पर तीनों को पहले सीएचसी बिसवां, फिर महमूदाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। इसी बीच एक के बाद एक तीनों बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। तीनों बच्चे सगे भाई थे।

घटना की खबर पाकर पुलिस, SDM ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की है। पुलिस ने तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा है, लेकिन परिवार के लोग किसी तांत्रिक से इलाज कराने की जिद पर अभी शवों को रोके हुए हैं।

घटनाक्रम के मुताबिक सदरपुर इलाके के पिपरी मजरा पिपरा कलां गांव निवासी सुनील कुमार अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गुरुवार 7 अगस्त की रात घर के कमरे में सोया हुआ था। पति-पत्नी ने अपने तीनों बेटों 12 वर्षीय शालू, 10 वर्षीय पवन व 7 वर्षीय अंश को बीच में सुलाया था।

आधी रात को बड़े बेटे शालू ने जाग कर मां-बाप को बताया कि उसे किसी ने काट लिया है। जब इन लोगों ने अपने दो अन्य बच्चों पवन व अंश को देखा तो पवन ने भी किसी के काटने की बात कही। अंश बेहोश था। इसके बाद कमरे में सांप भी दिखाई दिया। तीनों बच्चों की हालत बिगड़ने लगी।


सांप काटने की बात जानने के बाद परिवार के लोग फौरन तीनों बच्चों को लेकर बिसवां सीएचसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए। जहां चिकित्सकों ने अंश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शालू व पवन को चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन परिवार के लोग शाूल व पवन को जिला अस्पताल के बजाय महमूदाबाद एक चिकित्सक के यहां ले गए। जहां उन दोनों की भी मौत हो गई।

मौत के बाद तीनों बच्चों के शव गांव ले जाए गए। खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। इसकी सूचना होने पर डीएम अखिलेश तिवारी ने एसडीएम बिसवां सुरेश कुमार को जांच के लिए गांव भेजा। एसडीएम, लेखपाल व पुलिस ने जांच पड़ताल की।

बाद में तीनों का शवों का पोस्टमार्टम कराने को कहा गया, लेकिन परिवार के लोगों ने यह कहते हुए बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से रोक दिया है कि उन लोगों ने झाड़-फूंक करने के लिए किसी बंगाली को बुलाया है। उसने बच्चों को ठीक करने का दावा किया है। उसके आने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने भेजा जाएगा।

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