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अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य शूटर गिरधारी मुठभेड़ में ढेर, बिकरु कांड वाले विकास दुबे की तरह हुआ इनकाउंटर
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या का मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ़ डॉक्टर सोमवार को विभूतिखंड पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। बताया जा रहा है कि गिरधारी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस राजधानी के खरगापुर इलाके में हत्या में प्रयुक्त असलहे की तलाश के लिए उसे साथ लेकर पहुंची थी।
पुलिस के अनुसार इसी दौरान गिरधारी ने हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया और फिर मुठभेड़ में मारा गया। गिरधारी के एनकाउंटर की कहानी कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर जैसी ही है। विकास दुबे को भी असलहा छीनकर भागने के प्रयास के दौरान मार गिराया गया था।
बताया जाता है कि गिरधारी इस समय तीन दिन की रिमांड पर था और रविवार की रात विभूतिखंड पुलिस और वाराणसी पुलिस ने उससे कई घंटे पूछताछ की थी। पुलिस का कहना है कि सोमवार को अहले सुबह उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चलाई जिसमें जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई। घटनास्थल सहारा अस्पताल के पास का बताया जा रहा है।
बता दें कि बीते 6 जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड इलाके में अजीत सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसमें मुख्य शूटर गिरधारी बताया गया था। कहा जा रहा था कि उसके साथ पांच अन्य शूटर भी थे। इससे पहले बीते 11 जनवरी को गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय तरीके से गिरफ्तारी हुई थी।
बताया जा रहा है कि हत्या के अन्य राज पता करने के लिए पुलिस ने उसे 13 जनवरी की सुबह 11 बजे रिमांड पर लिया था। उसकी रिमांड 16 जनवरी की सुबह खत्म हो रही थी। इससे पहले गिरधारी से वाराणसी पुलिस ने भी रविवार को विभूतिखंड कोतवाली में पूछताछ की थी।
अजीत सिंह की हत्या से पहले वाराणसी में नितेश की हत्या में भी गिरधारी वांछित था। उस पर तब एक लाख रुपये इनाम भी घोषित हुआ था। इस मामले में साजिशकर्ता और अन्य बदमाशों के बारे में गिरधारी से कई जानकारियां पता करने के लिए वाराणसी पुलिस रविवार दोपहर को लखनऊ पहुंची थी।
दिल्ली में गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस दिल्ली भी गई थी, हालांकि वाराणसी पुलिस को रिमांड नहीं मिल सकी थी। गिरधारी वाराणसी कोर्ट में नहीं गया था और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए उसने अगली तारीख ले ली थी।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि गिरधारी के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पुलिस पर भी गोली चलाई। अजित सिंह हत्याकांड में पांच अन्य शूटर रविदेव, मुस्तफा, अंकुर, राजेश तोमर तथा मददगार विपुल अभी फरार चल रहे हैं।