यूपी: असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति की प्रक्रिया में फिर बदलाव, जानें क्या कहता है नया संशोधन
यूपी में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति प्रक्रिया में फिर बदलाव कर दिया गया है (file pic.)
जनज्वार। उत्तर प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया में हुए बदलाव को फिर से संशोधित कर दिया गया है। इस संशोधन के बाद अब लिखित परीक्षा 40 अंकों की ली जाएगी जबकि इंटरव्यू भी दो चरण में लिए जाएंगे। पहले ऑब्जेक्टिव टाइप की लिखित परीक्षा 20 अंकों के होते थे।
राज्यपाल-सह- कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने इससे पहले 18 मई को असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया की नई नियमावली जारी की थी। अब उनके द्वारा उस आदेश को संशोधित करते हुए नया आदेश जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि बीते जून माह में विश्वविद्यालयों की समीक्षा के दौरान 18 मई के आदेश पर विस्तृत चर्चा के बाद यह बदलाव किया गया है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन के लिए प्रक्रिया के अब दो चरण होंगे। पूर्व के आदेश में अभ्यर्थियों के विषय की जानकारी का मूल्यांकन करने के लिए 20 अंकों की ऑब्जेक्टिव लिखित परीक्षा की व्यवस्था रखी गई थी, जिसे संशोधित कर 40 अंकों की लिखित परीक्षा का प्रावधान कर दिया गया है। अभ्यर्थी के बेसिक अकादमिक स्कोर तथा एकेडमिक परफार्मेंस इंडीकेटर की गणना भी अब अलग-अलग नहीं की जाएगी।
बता दें कि बीएएस की गणना शैक्षिक योग्यता के आधार पर की जाती है, जबकि एपीआई की गणना शैक्षिक उपलब्धियों के आधार पर की जाती है। नए नियम के अनुसार बेसिक अकादमिक स्कोर, एपीआई और लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोड़कर स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा एक समेकित मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी।
इससे पहले कमेटी द्वारा अंकों पर अभ्यर्थियों की आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। मेरिट लिस्ट के आधार पर शार्टलिस्ट करते हुए अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार साक्षात्कार की प्रक्रिया दो भागों में पूरी की जाएगी। पहले भाग में शिक्षण कौशल की जानकारी का परीक्षण किया जाएगा तथा दूसरे भाग में साक्षात्कार सम्पन्न कराया जाएगा।