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सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी ANI के रिपोर्टर को कहा 'चूXX कहीं के', वीडियो वायरल
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जावान संत ह्रदय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यूज़ एजेंसी 'ANI' के रिपोर्टर से बात करते हुए उसे आला दर्जे का शब्द दे दिया 'चूXX।' दरअसल सीएम योगी ANI से कोरोना संबंधी बाइट कर रहे थे। उन्होंने पीएम का आभार जताया, वैज्ञानिकों का आभार जताया, इसके बाद डॉक्टर्स का भी आभार जता ही रहे थे कि रिपोर्टर के मुंह से हुंकारी छूट गई। बस इतने मात्र पर योगी ने उससे कहा 'चूXX कहीं के' इसके बाद वीडियो बन्द हो जाता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एएनआई के रिपोर्टर को दी गाली, सोशल मीडिया वीडियो वायरल@myogioffice @myogiadityanath @ANINewsUP pic.twitter.com/kcvdrFn3pd
— Janjwar 'जनज्वार' (@janjwar_com) April 5, 2021
थोड़ी ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोगों ने अपनी अपनी तरह से सीएम को घेरा लपेटा। वीडियो को ट्वीट करते हुए पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह लिखते हैं 'ये है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असली चेहरा। ANI के कैमरामैन को ज़रा सी आवाज पर 'चूXX कहीं के' कह कर संबोधित कर रहे हैं। खैर ANI के साथ यही होना चाहिए, देश की सबसे बड़ी एजेंसी जब सरकारी प्रवक्ता से भी बदतर चाटुकारिता करने लगे तब यह होना लाज़मी है। संत की भाषा सुनिए।'
ये है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का असली चेहरा।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) April 5, 2021
ANI के कैमरामैन को ज़रा सी आवाज पर 'चूतिया कहीं के' कह कर संबोधित कर रहे हैं।
खैर ANI के साथ यही होना चाहिए, देश की सबसे बड़ी एजेंसी जब सरकारी प्रवक्ता से भी बदतर चाटुकारिता करने लगे तब यह होना लाज़मी है।
संत की भाषा सुनिए। pic.twitter.com/bWY1J1gCCR
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 'चूXX कहीं के' बोला गया वीडियो को शेयर करते हुए जबरिया रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि 'इस महान व्यक्ति ने मुझे लोकहित के उपयुक्त नहीं माना पाया।'
यह कोई पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने असंसदीय भाषाशैली का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले बीती 24 फरवरी को विधानसभा में बोलते हुए योगी ने एमएसपी का जिक्र आने पर विपक्ष को बात सुनने की नसीहत दी और कहा, 'मैं जानता हूं कि आप लोग किस प्रकार की भाषा सुनते हैं। उसी प्रकार का डोज भी मैं समय-समय पर देता हूं।' हालांकि इसपर सपा सदस्य नरेश उत्तम ने आपत्ति करते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री बार-बार ठीक कर दूंगा, डोज दे दूंगा की बात करते हैं। मुख्यमंत्री खुद योगी हैं। उन्हें इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए।'
योगी की भाषाशैली पर सीएम और सपा सदस्यों के बीच काफी तीखी नोकझोंक भी हुई थी। योगी ने सपा सदस्यों को शिष्टाचार सीखने की नसीहत दी और कहा, 'जो जिस भाषा को समझेगा, उसे उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।' उस दौरान सपा के सदस्य खड़े होकर विरोध जताने लगे तो चेयरपर्सन कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने बैठकर मुख्यमंत्री की बात सुनने को कहा।
योगी आदित्यनाथ ने 9 मार्च मंगलवार को जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के स्थलीय निरीक्षण और ललितपुर में बंडई बांध परियोजना के लोकार्पण के अवसर पर जनसभा में कहा था कि 'जो लोग विदेश की जूठन पर पल रहे हैं, वे किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। देश की समृद्धि देखकर उनके पेट में दर्द हो रहा है। ऐसे ही लोग किसान की जमीन को लेने, एमएसपी न मिलने व मंडी बंद करने की बात कर रहे हैं। यह सरासर झूठ और अपने हित में किसानों को बरगलाने वाला कदम है।'
कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास अवस्थी 'जनज्वार' से बात करते हुए कहते हैं कि 'यह सिर्फ एक मुख्यमंत्री ही की बात नहीं है, संवैधानिक पद पर बैठा हुआ कोई भी व्यक्ति हो तो उसे आम जनता से भी इस तरीके की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए फिर आप एक रिपोर्टर से बोल रहे हैं। आप मुख्यमंत्री हैं अक्सर पत्रकारों के हक और हकूक की बात करते हैं। बेहद ही शर्मनाक है। कम से कम मुख्यमंत्री के ऊपर तो यह बिल्कुल शोभा नहीं देता है।
ऐपवा की लखनऊ प्रभारी मीना सिंह योगी आदित्यनाथ के बयान पर जनज्वार से कहती हैं कि 'योगी जी संत हैं, उनका ह्रदय बहुत विशाल है वह किसी से भी कुछ भी कह सकते हैं। और फिर ANI को सरकारी विज्ञापन भी तो जाता है, योगी जी पूरी की पूरी ANI को चूXX कह दें तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। पद और पदों की गरिमाओं का नया इतिहास लिखा जा रहा है जिसके हम सब गवाह बन रहे हैं।'
सपा नेता अतुल प्रधान कहते हैं 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी संत है और उनकी भाषा कितनी मधुर है, ध्यान से पूरी वीडियो सुनिए और सबको धन्यवाद बोलने की कड़ी में देश के लोकत्रंत को बचाने में जो अहम योगदान देने वाले पत्रकारों को प्रसाद दिया है वो सोचने पर विवश कर रहा हैं, क्या इतने बड़े पद पर बैठे व्यक्ति की भाषा शैली ये ही होनी चाहिए।'